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सभी जानते हैं कि आपात स्थिति में रेलगाड़ी को रोकने के लिए जंजीर खींचनी पड़ती है। यह एक प्रकार का इमरजेंसी ब्रेक है। मगर बिना किसी जरूरी कारण के रेलगाड़ी की चेन खींचना महंगा पड़ सकता है। मगर क्या आप जानते हैं, आखिर ऐसा क्या है चेन सिस्टम के अंदर, जो ट्रेन को तुरंत रोक देता है। अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे ट्रेन चेन पुलिंग के बाद रुक जाती है. साथ ही रेलगाड़ी की किस बोगी से चेन खींची गई है? पुलिस को इस बारे में कैसे पता चला, इसकी भी जानकारी हम आपको देंगे।

ट्रेन का ब्रेक सिस्टम कैसे काम करता है?

रेलगाड़ी जंजीर खींचकर क्यों रुकती है, यह जानने के बजाय यह जानना जरूरी है कि रेलगाड़ी कैसे रुकती है। ट्रेन के ब्रेक हमेशा चालू रहते हैं। जब ट्रेन चलती है तो ब्रेक रिलीज होते हैं। ब्रेक रिलीज होने के बाद ही ट्रेन आगे बढ़ती है। जब लोको पायलट ट्रेन को चलाना चाहता है, तो हवा के दबाव के माध्यम से पहियों से ब्रेक हटा दिए जाते हैं। साथ ही जब ट्रेन को रोकना होता है तो एयर प्रेशर ऑफ कर दिया जाता है।

जंजीर खींचने के बाद रेलगाड़ी कैसे रुकती है?

ट्रेन की बोगी में लगी अलार्म चेन ब्रेक पाइप से जुड़ी होती है। जब इस जंजीर को खींचा जाता है तो ब्रेक पाइप से हवा का दबाव निकल जाता है और ट्रेन के ब्रेक लग जाते हैं। ब्रेक लगाने के बाद ब्रेक सिस्टम में हवा का दबाव अचानक कम हो जाता है। इस बारे में ड्राइवर को सिग्नल और हूटिंग का सिग्नल मिलता है। इससे चालक को अहसास होता है कि या तो रेलगाड़ी की चेन खींची गई है या फिर रेलगाड़ी के ब्रेक सिस्टम में कुछ गड़बड़ है. ड्राइवर इसके पीछे सही कारण की जांच करता है।

पुलिस को कैसे पता चलेगा?

यात्री द्वारा चेन खींचने की जानकारी लेने के लिए पुराने तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, रेलगाड़ी के जिस डिब्बे में चेन खींची जाती है, वहां हवा का दबाव लीक होने की तेज आवाज होती है। इस आवाज के जरिए इंडियन रेलवे पुलिस फोर्स कोच तक पहुंचती है और वहां यात्रियों की सहायता से चेन खींचने वाले शख्स को ढूंढ़ लेती है. यह सब ब्रेक सिस्टम पर निर्भर करता है। वैक्यूम ब्रेक ट्रेन में जब चेन खींची जाती है तो डिब्बे के ऊपरी हिस्से में लगा एक वॉल्व घूमता है, जिसे देखकर भी पता चल जाता है कि चेन किस डिब्बे से खींची गई है।

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