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Up Kiran, Digital Desk: जैसे-जैसे देश के आम बजट का समय नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के लोगों की उम्मीदें भी बढ़ने लगी हैं। हर कोई चाहता है कि सरकार टैक्स के बोझ को थोड़ा कम करे, ताकि उनकी जेब में कुछ अतिरिक्त पैसा बच सके। इसी उम्मीद को और हवा दी है देश के एक बड़े उद्योग संगठन PHDCCI (पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) ने।

PHDCCI ने सरकार को बजट से पहले एक ऐसी ज़बरदस्त सलाह दी है, जिसे अगर मान लिया गया तो 50 लाख रुपये तक सालाना कमाने वाले लोगों की बल्ले-बल्ले हो सकती है।

क्या है यह बड़ी सिफारिश?PHDCCI ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि देश में खपत और मांग को बढ़ाने के लिए यह ज़रूरी है कि लोगों के हाथमें खर्च करने के लिए ज़्यादा पैसा हो। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका इनकम टैक्स की दरों में कटौती करना है। संगठन ने खास तौर पर 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स को राहत देने की वकालत की है।

30% की जगह लगे 20% टैक्स?

अभी जो नया टैक्स रिजीम है, उसमें 15 लाख रुपये से ज़्यादा की आय होते ही सीधे 30% का टैक्स स्लैब लागू हो जाता है। PHDCCI का मानना है कि यह थोड़ा ज़्यादा है।

उनकी सलाह है कि टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाया जाए और 15 लाख से 50 लाख रुपये तक की सालाना आय के लिए एक नया स्लैब बनाया जाए, जिस पर 20% की दर से टैक्स लिया जाए। अगर ऐसा होता है तो यह इस आय वर्ग के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी राहत होगी।

क्यों दी गई यह सलाह और इसका क्या होगा फायदा?

इसके पीछे की सोच बहुत सीधी है:

बढ़ेगी लोगों की क्रय शक्ति: अगर लोगों का टैक्स कम कटेगा, तो उनके हाथ में हर महीने ज़्यादा सैलरी आएगी।

बाजार में बढ़ेगी मांग: जब लोगों के पास पैसा ज़्यादा होगा, तो वे घर, गाड़ी, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य चीज़ों पर ज़्यादा खर्च करेंगे, जिससे बाज़ार में मांग बढ़ेगी।

अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार: जब बाज़ार में मांग बढ़ती है, तो कंपनियां ज़्यादा उत्पादन करती हैं, जिससे फैक्ट्रियों में काम बढ़ता है और नए रोज़गार पैदा होते हैं। यह पूरी अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक चक्र बनाता है।

हालांकि, यह अभी सिर्फ एक सिफारिश है और इस पर आखिरी फैसला सरकार को बजट में ही लेना है। लेकिन अगर सरकार इस सलाह पर विचार करती , तो यह निश्चित रूप से करोड़ों करदाताओं के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को एक नई गति दे सकता है।