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Up Kiran, Digital Desk: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हर गली हर सेक्टर हर गांव में किराए का बोर्ड लगा दिख जाता है। बाहर से आए लोग यहां सपने लेकर आते हैं और मकान मालिक को किराया चाहिए बस। सत्यापन का नाम सुनते ही सब मुंह फेर लेते हैं। नतीजा ये कि शहर में हजारों लोग बिना पुलिस वेरिफिकेशन के रह रहे हैं।

पिछले ही साल जुलाई में सेक्टर 126 में बांग्लादेशी नागरिक आसिफ शेख पकड़ा गया। वो नोएडा में पीजी चलाता था। फर्जी आधार कार्ड बनवाकर गाजियाबाद से नोएडा तक धंधा कर रहा था। इसी साल आतंकी जिशान अली को भी नोएडा से दबोचा गया। दोनों मामलों में एक बात आम थी। कोई सत्यापन नहीं हुआ था।

मकान मालिक कहते हैं कि थाने के चक्कर लगाओ। लाइन में खड़े रहो। पचास रुपये फीस दो। ऊपर से समय बर्बाद। सोचते हैं चलो कोई बात नहीं किराया समय पर आ रहा है बस काफी है। घर में काम करने वाली बाई या ड्राइवर को तो पूछो मत। ज्यादातर घरों में उनका नाम तक पता नहीं होता।

पुलिस कहती है कि हम लगातार अभियान चला रहे हैं। जनवरी 2025 में तीनों जोन में एक साथ छापा मारकर 25 हजार से ज्यादा सत्यापन कराए गए। झुग्गी बस्तियों में भी टीम भेजी जाती है। मगर सच ये है कि अभी भी लाखों लोग रडार से बाहर हैं।

पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने साफ कहा है कि लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। अब अच्छी बात ये है कि आप खुद घर बैठे सत्यापन कर सकते हो। यूपीकॉप ऐप डाउनलोड करो। पचास रुपये ऑनलाइन भर दो। सारा काम हो जाएगा। चौकी में जाकर भी करा सकते हो।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी इटैड़ा हैबतपुर से लेकर नोएडा के बरौला मामूरा सलारपुर तक हर जगह किराए के कमरे भरे पड़े हैं। गांवों में तो छोटे छोटे कमरों में दस दस लोग रहते हैं। नंबर कोई नहीं जानता। सेक्टर 18 नाले के पास की जेजे कॉलोनी हो या सूरजपुर की झुग्गियां। वहां का हिसाब किसी के पास नहीं।

शहर में नौ विश्वविद्यालय हैं। सैकड़ों कंपनियां हैं। देश विदेश से लोग आते हैं। विकास तेजी से हो रहा है। मगर सुरक्षा में ये बड़ी चूक बन रही है। अगर लाल किले जैसी कोई घटना हो गई तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।

तो अब देर मत करो। नया किरायेदार लाओ तो पहले सत्यापन कराओ। बाई ड्राइवर रखो तो उनका भी कराओ। मोबाइल नंबर पता सब रखो। कुछ भी संदिग्ध लगे तो फौरन 112 डायल करो।

सुरक्षा पहले भी जरूरी थी। आज और भी ज्यादा जरूरी हो गई है।