Up Kiran, Digital Desk : फूड डिलीवरी ऐप्स ने हमारी जिंदगी आसान बना दी है, इसमें कोई शक नहीं है। आप अपने मोबाइल पर सिर्फ एक क्लिक से अपने पसंदीदा व्यंजन को अपने दरवाजे तक मंगवा सकते हैं। सिर्फ खाना ही नहीं, अब ऐसे ऐप्स ने राशन भी पहुंचाना शुरू कर दिया है। इससे कई लोगों का काम आसान हो गया है। स्विगी ऐसी ही एक डिलीवरी ऐप का उदाहरण है। पहले यह सिर्फ फूड डिलीवरी ऐप था, लेकिन स्विगी इंस्टामार्ट के आने के बाद अब यह राशन डिलीवरी ऐप भी बन गया है।
इतनी सारी नई सेवाएं शुरू करने के बावजूद स्विगी का घाटा कम नहीं हो रहा है। एक सवाल यह भी उठता है कि क्या स्विगी किसी कारणवश जानबूझकर खुद को घाटे में दिखा रही है? वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में स्विगी का घाटा साल-दर-साल लगभग दोगुना होकर 1081 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में यह घाटा 554 करोड़ रुपये था। आश्चर्य की बात यह है कि इस दौरान कंपनी का राजस्व बढ़ा है। चौथी तिमाही में स्विगी का राजस्व साल-दर-साल 45 प्रतिशत बढ़कर 4,410 करोड़ रुपये हो गया।
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