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Up Kiran, Digital Desk: कितनी बारिश हुई, रिपोर्टिंग या समाचार बताते समय हमेशा मिलीमीटर का जिक्र किया जाता है। बारिश को आमतौर पर मिमी में मापा जाता है। यह बारिश को मापने का अंतरराष्ट्रीय मानक है।

पूरी दुनिया में बारिश को इसी तरह मापा जाता है क्योंकि इस इकाई का उपयोग करके बारिश की मात्रा को समझना आसान है। अगर हम कहते हैं कि 1 मिमी बारिश हुई है, तो इसका मतलब है कि 1 वर्ग मीटर पर 1 लीटर पानी गिरा है। इससे यह समझना आसान हो जाता है कि कितनी बारिश हुई है।

बारिश को मापने के लिए सबसे ज़्यादा रेन गेज का इस्तेमाल किया जाता है। यह बारिश को मापने का सबसे पुराना तरीका है। रेन गेज एक साधारण उपकरण है। इसमें एक कांच की बोतल लगी होती है। इस पर एक पैमाना लिखा होता है और इसे किसी खुली जगह पर रख दिया जाता है।

रेन गेज बारिश की मात्रा को मिमी या इंच में मापता है। इसीलिए यह मानक अंतरराष्ट्रीय बन गया। लेकिन, वर्तमान में बारिश को कई अन्य तरीकों से मापा जा रहा है।

तो वहीं आपको बता दें कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बारिश और भूस्खलन ने कहर बरपाया है। खबर मिली है कि रविवार शाम (1 जून 2025) सिक्किम में सेना के एक कैंप में भूस्खलन में कुछ सैनिकों समेत 3 लोगों की मौत हो गई, वही 9 सैनिक लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है। मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

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