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Up Kiran, Digital Desk: नागपुर से एक हैरान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी पत्नी का शव बाइक पर बांधकर अपने गांव ले जाते हुए दिखाई दे रहा है। ये मामला सड़क सुरक्षा, आपातकालीन सेवाओं की स्थिति और समाज के समर्पण के सवालों को खड़ा करता है। यह घटना 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन घटी, जब एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने अमित यादव और उनकी पत्नी, ग्यारीसी की बाइक को टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद ग्यारीसी सड़क पर गिर गईं और ट्रक चालक ने भी अपनी गाड़ी को न रोकते हुए उन पर से गाड़ी चढ़ा दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
अमित यादव ने कई बार मदद की अपील की, मगर किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया। उन्हें न तो कोई एम्बुलेंस मिली और न ही राहगीरों से मदद मिली। जब हर दिशा से निराश हो गए, तो उन्होंने अपनी पत्नी के शव को बाइक पर बांध लिया और अपने गांव, मध्यप्रदेश के करणपुर की ओर निकल पड़े। यह दृश्य उस वक्त पुलिस ने देखा जब वे दौड़ते हुए अमित को पकड़ने में सफल हुए। पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागपुर भेजा और दुर्घटना में मौत का प्रकरण दर्ज किया।
ये घटना सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है और इस बात को उजागर करती है कि हमारे पास आवश्यक आपातकालीन सेवाएं और सार्वजनिक सहायता सिस्टम कितने प्रभावी हैं। जब एक व्यक्ति अपने करीबी के साथ ऐसी त्रासदी से गुजरता है, तो किसी प्रकार की सहायता या सहानुभूति की कमी से उसकी मानसिक स्थिति पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है, ये सोचने का विषय है।
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