
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के पार्वतीपुरम मान्यम जिले के किसान इन दिनों जंगली हाथियों के आतंक से जूझ रहे हैं। उनकी उम्मीदें प्रशिक्षित 'कुम्की' हाथियों पर टिकी थीं, जो इन जंगली हाथियों को काबू करने में मदद करते, लेकिन उनके आने में हो रही देरी ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है।
जिले के कुरुपाम, कोमराडा और जी.एल. पुरम मंडलों में हाथियों का झुंड पिछले कई महीनों से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। धान, केले और गन्ने की खड़ी फसलें हाथियों द्वारा रौंद दी जा रही हैं, जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है।
इस समस्या से निपटने के लिए, वन विभाग ने चित्तूर जिले से दो प्रशिक्षित 'कुम्की' हाथियों को लाने का फैसला किया था। ये हाथी जंगली हाथियों को खदेड़ने और नियंत्रित करने में माहिर होते हैं। लेकिन, आधिकारिक प्रक्रियाओं में देरी और अधिकारियों की सुस्ती के कारण यह योजना अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है।
एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने स्वीकार किया है कि प्रक्रिया में देरी हुई है, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही 'कुम्की' हाथियों को लाया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर, किसान हर दिन डर के साये में जी रहे हैं और अपनी मेहनत की कमाई को आंखों के सामने बर्बाद होते देख रहे हैं। उन्हें अब बस इस बात का इंतजार है कि प्रशासन कब जागेगा और उनकी मदद के लिए इन 'कुम्की' हाथियों को भेजा जाएगा, ताकि उनकी फसलों और जान-माल की सुरक्षा हो सके।
--Advertisement--