
Up Kiran, Digital Desk: देश के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपने उम्मीदवार के तौर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन (Chandrapuram Ponnusamy Radhakrishnan) के नाम का ऐलान कर दिया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी राजनीतिक दलों, विशेषकर विपक्षी दलों से, इस पद के लिए सर्वसम्मति बनाने की अपील के बाद आई है। प्रधानमंत्री ने एनडीए संसदीय दल की बैठक में श्री राधाकृष्णन को गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया और उनके सरल, ईमानदार और जनसेवा से भरपूर जीवन पर प्रकाश डाला।
सी.पी. राधाकृष्णन: एक परिचय
सी.पी. राधाकृष्णन, जिनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था, एक अनुभवी राजनेता और प्रशासक हैं। राजनीति में उनका सफर 1974 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू हुआ, और वे भारतीय जनसंघ के माध्यम से भाजपा की विचारधारा से जुड़े रहे। उन्होंने 1998 और 1999 में कोयम्बटूर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की, और बाद में 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान, उन्होंने सामाजिक सुधारों, नदियों को जोड़ने और आतंकवाद विरोधी जागरूकता के लिए 93 दिनों की एक विशाल 'रथ यात्रा' का नेतृत्व किया।
राधाकृष्णन ने संसद के सदस्य के रूप में वस्त्र समिति के अध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में कार्य किया और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। वे 2016 से 2020 तक अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ, उन्होंने प्रशासनिक भूमिकाओं में भी अपनी छाप छोड़ी है। उन्हें 2023 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के तौर पर भी अतिरिक्त जिम्मेदारियां संभाली हैं।
एनडीए का भरोसा और विपक्ष की संभावित रणनीति
एनडीए के पास चुनावी कॉलेज में स्पष्ट बहुमत है, जो सभी सांसदों (लोकसभा और राज्यसभा) से मिलकर बनता है। इस संख्याबल को देखते हुए, सी.पी. राधाकृष्णन के निर्विरोध चुने जाने की प्रबल संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी पार्टियों से उन्हें समर्थन देने का आह्वान किया है, ताकि यह चुनाव सर्वसम्मति से हो सके। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी विभिन्न दलों के नेताओं से संपर्क साधकर व्यापक सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
हालांकि, विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष एक गैर-राजनीतिक या सर्वसम्मति वाले उम्मीदवार को उतारने पर विचार कर रहा है, जिसमें पूर्व इसरो वैज्ञानिक एम. अन्नादुरई और महात्मा गांधी के वंशज जैसे नामों की चर्चा है। यह कदम विपक्ष द्वारा एक मजबूत संदेश देने और राजनीतिक ध्रुवीकरण से परे एक साझा एजेंडा प्रस्तुत करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। विपक्ष का मानना है कि चुनाव में मुकाबला करके, वे अपनी एकता को प्रदर्शित कर सकते हैं और सत्ताधारी दल के एजेंडे को चुनौती दे सकते हैं।
विवादों से परे छवि
श्री राधाकृष्णन की सबसे बड़ी खूबी उनकी साफ-सुथरी छवि है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "उनके जीवन में कोई विवाद नहीं है, कोई भ्रष्टाचार नहीं है, कोई दाग नहीं है। यदि ऐसे व्यक्ति देश के उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो यह देश के लिए अत्यंत हर्ष का विषय होगा।" उनकी इस छवि को देखते हुए, एनडीए को उम्मीद है कि विपक्ष भी उन पर विचार करेगा और सर्वसम्मति से उनका चुनाव सुनिश्चित करेगा।
यह चुनाव न केवल उपराष्ट्रपति के पद के लिए होगा, बल्कि यह भी परिलक्षित करेगा कि भारतीय राजनीति में विभिन्न विचारधाराओं के बीच किस हद तक सामंजस्य स्थापित हो सकता है।
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