
Up Kiran, Digital Desk: देश में डिजिटल लेन-देन का सबसे लोकप्रिय जरिया बन चुके यूपीआई (UPI) को लेकर बीते कुछ समय से एक सवाल आम लोगों के बीच चिंता का विषय बना हुआ था – क्या 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर अब टैक्स देना पड़ेगा? इस विषय पर सरकार की ओर से अब सीधा और स्पष्ट जवाब आ गया है जिससे करोड़ों उपयोगकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है।
सरकार ने दी स्पष्टता टैक्स का कोई इरादा नहीं
हाल ही में राज्यसभा में इस विषय पर सवाल उठाया गया जिसका जवाब केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है जिसमें 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीएसटी (GST) लगाया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी दरों और रियायतों से जुड़ा कोई भी फैसला जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर ही लिया जाता है और अब तक इस तरह का कोई सुझाव नहीं आया है।
बीते कुछ समय से यह चर्चा तेजी से फैल रही थी कि सरकार डिजिटल भुगतान पर टैक्स लगाने की दिशा में विचार कर रही है। सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि 2000 रुपये से ऊपर के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लागू हो सकता है। ऐसे में आम उपभोक्ता छोटे दुकानदार फ्रीलांसर और डिजिटल पेमेंट को अपनाने वाले अन्य लोग असमंजस में थे। लेकिन संसद में दिए गए इस जवाब से अब स्थिति साफ हो गई है।
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