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Up Kiran, Digital Desk: महिला वनडे विश्व कप 2025 के शुरू होने के साथ ही पूरे देश में क्रिकेट प्रेमियों के बीच खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। 30 सितंबर को भारत अपनी मेजबानी में श्रीलंका के खिलाफ पहला मुकाबला खेलते हुए मैदान पर उतरेगा। इस बड़े आयोजन ने न सिर्फ खेल जगत में बल्कि आम लोगों के दिलों में भी क्रिकेट के प्रति नई उम्मीदें जगाई हैं। खासतौर पर युवा वर्ग और महिला खिलाड़ियों के प्रति बढ़ती रुचि इस टूर्नामेंट को और भी खास बनाती है।
मेजबानी का इतिहास और घरेलू दबाव
भारत चौथी बार महिला विश्व कप की मेजबानी कर रहा है। इससे पहले 1978, 1997 और 2013 में भी भारत ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन किया था। घरेलू दर्शकों के सामने खेलना जहां गर्व की बात है, वहीं खिलाड़ियों के लिए भारी जिम्मेदारी भी लेकर आता है। टीम के लिए शुरुआती प्रदर्शन से आत्मविश्वास हासिल करना बेहद जरूरी होगा ताकि दबाव को कम किया जा सके और पूरे टूर्नामेंट में मजबूती दिखाई जा सके।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मेग लैनिंग का अनुभव
महिला क्रिकेट की दिग्गज खिलाड़ी मेग लैनिंग ने इस विश्व कप के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शुरुआत में सफलता दबाव को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी बड़े टूर्नामेंट में शुरुआत का मैच टीम की मानसिक स्थिति के लिए कितना अहम होता है। घरेलू फैंस की उम्मीदें और दबाव को देखते हुए यह जरूरी होगा कि भारतीय टीम शुरुआत में अपने खेल को मजबूती दे।
स्पिन गेंदबाजी की होगी अहम भूमिका
पहले मैच में भारतीय और श्री Lankan स्पिनरों के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। भारत की टीम के पास दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा, राधा यादव और नई प्रतिभा श्री चरणी जैसी स्पिनर हैं। वहीं, श्रीलंका के अनुभव से भरपूर खिलाड़ी इनोका राणावीरा, कप्तान चमारी अथापट्टू, कवीशा दिलहारी और देवमी विहंगा मुकाबले को और रोमांचक बनाएंगे। इन गेंदबाजों की भूमिका पूरे टूर्नामेंट में निर्णायक हो सकती है।
खेल के प्रति बढ़ती जागरूकता और भविष्य की चुनौतियां
इस विश्व कप के माध्यम से महिला क्रिकेट को देश में और भी अधिक पहचान मिल रही है। क्रिकेट प्रेमी अब न केवल पुरुषों के क्रिकेट को देख रहे हैं, बल्कि महिला क्रिकेट को भी उतनी ही उत्सुकता से फॉलो कर रहे हैं। इससे भविष्य में खिलाड़ियों के लिए बेहतर संसाधन और अवसर मिलने की संभावना बढ़ेगी। हालांकि, चुनौती यह है कि टीम अपनी उम्मीदों पर खरा उतरे और घर-घर क्रिकेट का जुनून बनाए रखे।