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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक की राजनीति में इस वक्त सबकी निगाहें कलाबुरगी जिले के चिट्टापूर पर टिकी हैं. यह वही विधानसभा क्षेत्र है, जहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता और मंत्री प्रियांक खरगे विधायक हैं. यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक 'पथ संचलन' (Route March) निकालना चाहता था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया. मामला जब कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा, तो अब राज्य सरकार ने अपना रुख नरम कर लिया है और कहा है कि वह RSS के आवेदन पर 'फिर से विचार' करेगी.

यह मामला अब सिर्फ एक मार्च की इजाजत का नहीं, बल्कि प्रियांक खरगे के राजनीतिक गढ़ में RSS के शक्ति प्रदर्शन की कोशिश का भी बन गया है.

पूरा मामला क्या है?

RSS ने 12 नवंबर को चिट्टापूर में एक पथ संचलन आयोजित करने की योजना बनाई थी. इसके लिए उन्होंने स्थानीय पुलिस से इजाजत मांगी, लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया.

पुलिस के इस फैसले के खिलाफ, RSS के स्थानीय पदाधिकारी शरणू बजरंगी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकालना उनका अधिकार है और पुलिस का फैसला गलत है.

क्यों ख़ास है चिट्टापूर?

चिट्टापूर सिर्फ एक सामान्य कस्बा नहीं है. यह कर्नाटक सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, प्रियांक खरगे का विधानसभा क्षेत्र है. प्रियांक, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे भी हैं और उन्हें RSS की विचारधारा का एक मुखर आलोचक माना जाता है. ऐसे में, उनके ही 'घर' में RSS के इस तरह के आयोजन के राजनीतिक मायने बहुत गहरे हैं.

सरकार ने कोर्ट में क्या कहा?

जब यह मामला हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए आया, तो कर्नाटक सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि सरकार RSS के आवेदन पर फिर से विचार करने के लिए तैयार है.

सरकार के वकील ने अदालत को भरोसा दिलाया कि वे कानून-व्यवस्था की स्थिति का फिर से आकलन करेंगे, खुफिया रिपोर्टों को देखेंगे और उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में याचिकाकर्ता (RSS) को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा.

सरकार के इस आश्वासन के बाद, हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया. इसका मतलब है कि अब गेंद एक बार फिर राज्य सरकार और पुलिस के पाले में है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस सरकार अपने ही मंत्री के गढ़ में RSS को मार्च निकालने की इजाजत देती है या नहीं.