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railway news: आजकल बहुत से लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ट्रेन से यात्रा करते हैं। रेल यात्रा आरामदायक, समय बचाने वाली और कम खर्चीली है। ट्रेन से यात्रा करने का आनंद भी अलग है। आपने भी कई बार ट्रेन से यात्रा की होगी। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेनों में जनरल डिब्बे आगे और पीछे ही क्यों होते हैं? अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो आज ही इसका जवाब जान लीजिए।

रेलवे ने इस प्लानिंग के बारे में सोचा है। रेलवे में जब अलग-अलग श्रेणी के कोच लगाए जाते हैं तब भी यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।

जनरल डिब्बा आगे-पीछे क्यों होता है?

हर रेलवे की संरचना लगभग एक जैसी ही होती है। सबसे आगे इंजन लगाए जाते हैं, उसके बाद जनरल डिब्बे और बीच में एसी-3, एसी-2 और स्लीपर डिब्बे लगाए जाते हैं।

रेलवे के एक अफसर ने बताया कि आमतौर पर रेलवे के जनरल कोच में यात्रियों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में रेलवे कोच दो छोर पर लगे होने से स्टेशन पर लोगों की भीड़ बंट जाती है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर लोगों की भीड़ अधिक हो जायेगी। स्टेशन की पूरी व्यवस्था बाधित हो जाएगी।

जनरल डिब्बे में रखने पर बैठने की व्यवस्था व अन्य व्यवस्था ठीक नहीं होगी। इससे यात्री अपना सामान लेकर एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा सकेंगे। इसी कारण यात्रियों की सुविधा के लिए जनरल कोच को दो कोनों पर लगाया जाता है।

रेलवे विशेषज्ञों का मानना ​​है कि रेलवे के दोनों छोर पर जनरल कोच का होना सुरक्षा के लिहाज से भी अच्छा है। ऐसा करने से जनरल डिब्बों में दूरी के कारण भीड़ दो भागों में बंट जाती है। इससे किसी भी आपात स्थिति में लोगों के लिए ट्रेन से बाहर निकलना आसान हो जाता है।

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