Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली-दीमापुर इंडिगो उड़ान में पावर बैंक में आग लगने की हाल की घटना के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पावर बैंक के उपयोग पर सख्त नियम लागू करने की योजना बनाई है।
क्या हुआ था उस दिन?
रविवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली-दीमापुर उड़ान (6E 2107) के दौरान एक यात्री के पावर बैंक में आग लग गई। घटना के समय विमान प्रस्थान के लिए टैक्सी कर रहा था। हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ क्योंकि केबिन क्रू ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया और आग बुझा दी।
पावर बैंक और लिथियम बैटरी से जुड़ी सुरक्षा चिंताएँ
इस घटना ने उड़ानों में पावर बैंक के उपयोग से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को फिर से ताजा कर दिया है। लिथियम बैटरी वाले उपकरणों के प्रयोग पर अब नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा कड़ी नजर रखी जा रही है।
DGCA ने उड़ान सुरक्षा बढ़ाने के लिए पावर बैंक के उपयोग की समीक्षा शुरू कर दी है। इसके तहत, पावर बैंकों की क्षमता पर कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, और यदि सुरक्षा जोखिम कम करने में सफलता नहीं मिलती है, तो इनके पूरी तरह से परिवहन पर रोक भी लग सकती है।
सरकार और DGCA की साझा पहल
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है और DGCA के साथ मिलकर नए सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। दोनों संस्थाएं यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जल्द ही नए दिशा-निर्देश जारी करने की योजना बना रही हैं।
इंडिगो एयरलाइन की प्रतिक्रिया
इंडिगो एयरलाइन ने इस घटना पर एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि 19 अक्टूबर को दिल्ली से दीमापुर के लिए उड़ान भरते समय एक यात्री के पावर बैंक में आग लग गई। हालांकि, चालक दल ने शीघ्र कार्रवाई करते हुए आग को नियंत्रण में किया। एयरलाइन ने कहा, "हमने पूरी प्रक्रिया के अनुसार अधिकारियों को सूचित किया और विमान को आवश्यक जांच के बाद फिर से परिचालन के लिए मंजूरी दी।"
फ्लाइट विवरण और एयरलाइन का बयान
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24.com के अनुसार, एयरबस A320 नियो द्वारा संचालित यह उड़ान 14:33 बजे दिल्ली से उड़ी और 16:45 बजे दीमापुर पहुंची। उड़ान को 12:25 बजे उड़ान भरनी थी, लेकिन आग की घटना के कारण कुछ देरी हुई।
इंडिगो ने इस घटना के दौरान यात्रियों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, "हमने हर संभव प्रयास किया ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। उन्हें जलपान उपलब्ध कराया गया और सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन किया गया।"
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