Up Kiran, Digital Desk: विजयवाड़ा महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वासव्या महिला मंडली (VMM) ने हाल ही में व्यावसायिक प्रशिक्षण पूरा करने वाली युवा लड़कियों और महिलाओं को सफलतापूर्वक प्रमाणपत्र वितरित किए। इस पहल का उद्देश्य समाज के कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की महिलाओं को आवश्यक कौशल प्रदान कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना है।
मंडली ने कंप्यूटर शिक्षा, सिलाई, फैशन डिजाइनिंग, फैब्रिक पेंटिंग, जूट बैग बनाने और ब्यूटीशियन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया। इन पाठ्यक्रमों को विशेष रूप से उन महिलाओं और लड़कियों के लिए डिज़ाइन किया गया था जो गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों से आती हैं, ताकि वे अपना जीवन स्तर सुधार सकें और सम्मानजनक तरीके से आजीविका कमा सकें।
इस अवसर पर, वासव्या महिला मंडली की सचिव, डॉ. जी. रश्मि ने कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "आज के प्रतिस्पर्धी बाजार में केवल शिक्षा ही पर्याप्त नहीं है; कौशल ही असली पूंजी है। हमारा लक्ष्य महिलाओं को केवल नौकरी पाने में मदद करना नहीं, बल्कि उन्हें इतना सक्षम बनाना है कि वे उद्यमी बनकर दूसरों को भी रोजगार दे सकें।" उन्होंने प्रशिक्षित महिलाओं को सलाह दी कि वे बाजार की जरूरतों को समझें और उसी के अनुसार अपने कौशल को निखारें।
मंडली की कोषाध्यक्ष एस. कोटेश्वरम्मा ने वासव्या महिला मंडली की 52 वर्षों की निस्वार्थ सेवा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह संस्था दशकों से महिलाओं और बच्चों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है।
संयुक्त सचिव एन. वर लक्ष्मी ने सफल प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए, जबकि परियोजना निदेशक डी. श्रीदेवी ने जानकारी दी कि वासव्या महिला मंडली प्रशिक्षित महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न कंपनियों और संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर रही है।
इस पहल से न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद मिलेगी, बल्कि यह उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने में भी सहायक होगी। वासव्या महिला मंडली ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखने और अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।
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