Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली की हजारों कामकाजी माताओं के लिए गुरुवार का दिन एक बड़ी सौगात लेकर आया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 'सेवा पखवाड़ा' अभियान के तहत 502 पालना घरों (शिशु गृह) का उद्घाटन किया। इस पहल का मकसद यह है कि मांएं अपने बच्चों की देखभाल की चिंता किए बिना अपने सपनों को पूरा कर सकें और काम पर जा सकें।
"पालना" नाम की यह योजना उन हजारों मांओं को आगे बढ़ने का रास्ता देगी जो अक्सर घर और करियर के बीच की जिम्मेदारी में उलझकर रह जाती हैं।
"मेरी बहन ने साथ दिया, आज आप वो भूमिका निभाएंगी"
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपना निजी अनुभव भी साझा किया, जिसने वहां मौजूद हर किसी के दिल को छू लिया। उन्होंने याद करते हुए कहा, "जब मैं राजनीति में नई-नई आई थी, तो मेरे बच्चे छोटे थे। मुझे हमेशा यह चिंता रहती थी कि उनकी देखभाल कौन करेगा। उस मुश्किल समय में मेरी बहन ने मेरा साथ दिया था। आज वही भूमिका हमारे इन पालना घरों और आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता निभाएंगी।"
मुख्यमंत्री ने इन कार्यकर्ताओं को सिर्फ कर्मचारी नहीं, बल्कि एक नई जिम्मेदारी और एक प्यारा नाम दिया। उन्होंने कहा, "आप सिर्फ कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि इन पालना घरों में आने वाले दिल्ली के बच्चों के लिए 'मौसी' हैं।"
महिला सशक्तिकरण के लिए नई योजना
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि उनकी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत, महिलाओं को अपना कारोबार शुरू करने के लिए MSME सेक्टर के जरिए 10 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
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