
Up Kiran , Digital Desk:विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष अजय बंगा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। उत्तर प्रदेश के दौरे पर पहुँचे बंगा ने इस मुलाकात को मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के तेज विकास और राज्य के 1 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर बढ़ते कदमों में बढ़ती वैश्विक दिलचस्पी का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुलाकात की जानकारी और तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा कीं। तय कार्यक्रम के अनुसार, अजय बंगा मुख्यमंत्री आवास पर रात्रिभोज में शामिल होंगे और बाराबंकी के रजौली में एक मधुमक्खी पालन केंद्र का दौरा करने के साथ-साथ महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से भी मिलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी से भी हो चुकी है मुलाकात
लखनऊ आने से पहले, अजय बंगा ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी, जहाँ बुनियादी ढांचे और कृषि जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि हाल ही में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि भारत में अत्यधिक गरीबी (प्रतिदिन 2.15 अमेरिकी डॉलर से कम पर जीवन यापन करने वाले) 2011-12 के 16.2% से घटकर 2022-23 में 2.3% रह गई है, जिससे लगभग 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री मोदी के गरीबी उन्मूलन के दावों को बल देती है।
यूपी ने कृषि विकास के लिए विश्व बैंक से मांगी मदद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अजय बंगा का स्वागत करते हुए बताया कि राज्य के पश्चिमी हिस्से की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादकता कम है। इसे बढ़ाने के लिए 'यूपी-एग्रीस' (उत्तर प्रदेश कृषि विकास और ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ीकरण) कार्यक्रम के तहत विश्व बैंक से सहयोग मांगा गया है। उन्होंने विश्व बैंक के 'पोषण अभियान' की भी सराहना की और बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में टेक-होम राशन (टीएचआर) जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विश्व बैंक की टीम लखनऊ में एक टीएचआर प्लांट का भी जायजा लेगी।
भारत के विकास अनुमानों में विश्व बैंक ने की थी कटौती
हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि कुछ दिनों पहले ही विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर अनुमान को घटाकर 6.3% कर दिया था। इससे पहले, विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की विकास दर 6.7% रहने का अनुमान लगाया था। विश्व बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में निजी निवेश और सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में उम्मीद से धीमी वृद्धि के कारण विकास दर अनुमानों को संशोधित किया गया था।
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