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World News: दक्षिण अफ्रीका की खदानों में सोने की तलाश ने इंसानियत की एक भयानक तस्वीर पेश की है। ये कहानी उस समय की है जब स्पेन का विजेता हर्नान कोर्टेस 16वीं सदी में मैक्सिको पहुंचा था। कोर्टेस ने देखा कि एज्टेक लोग सोने को उतना मूल्यवान नहीं मानते थे जितना कि यूरोपीय। इसका फायदा उठाने के लिए उसने एज्टेक लोगों को एक झूठी कहानी सुनाई कि सोने से उसकी और उसके साथियों की दिल की बीमारी ठीक हो सकती है। तो वहीं सोने की लालच ने एक नई भयानक परिभाषा बन चुकी है, जहां इंसान भूख के कारण अपने ही साथी को खाने पर मजबूर हो गया है।

हाल ही में अफ्रीका की खदानों में तस्करों ने जमीन के एक किलोमीटर नीचे एक पूरा शहर बसा लिया था। पुलिस ने इन खनिकों को बाहर निकालने के लिए खाने-पीने की सप्लाई रोक दी। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, खदान से निकले दो लोगों ने बताया कि भूख से बचने के लिए खनिक अपने साथी के शरीर के अंगों को खा रहे थे। एक बचे हुए खनिक ने कहा, "हमारे पास बस यही एकमात्र विकल्प बचा था।" उसने यह भी दावा किया कि वह नरभक्षी नहीं बने, मगर भूख से बचने के लिए उन्होंने कॉकरोच का भी सेवन किया।

बीते हफ्ते बचाव दव ने अफ्रीका की सबसे गहरी खदानों में से 78 शवों और 246 जिंदा बचे लोगों को बाहर निकाला। पुलिस और अवैध खनिकों के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। खनिक बंद पड़ी सोने की खदानों में घुसकर बचे हुए सोने को निकालने का जानलेवा कार्य करते हैं। अगस्त में पुलिस ने उत्तर पश्चिम प्रांत की बफेल्सफोंटेन गोल्ड माइन से सैकड़ों अवैध खनिकों को बाहर निकालने के लिए खाने-पीने की आपूर्ति रोक दी। पुलिस का कहना है कि खदान हथियारबंद अपराधियों के कारण खतरनाक है, इसलिए वे अंदर नहीं जा सकते।

स्थानीय लोगों और यूनियनों ने आरोप लगाया है कि बड़ी संख्या में खनिक फंसे हुए हैं या इतने कमजोर हो चुके हैं कि वे बाहर नहीं निकल सकते।