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Up Kiran, Digital Desk: यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पानी घुस गया है और शुक्रवार सुबह नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर यानी 207.31 मीटर पर पहुँच गया। नतीजतन, महानगर के कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है और आधा शहर जलमग्न हो गया है। पानी वासुदेव घाट को पार करके बस्तियों और रिंग रोड में घुस गया है और इस पानी को पंप करके बाहर निकालने का काम दिन-रात चल रहा है। यमुना के पानी के कारण नोएडा और गाजियाबाद में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। इस समय कई इलाकों में घुटनों तक पानी भरा हुआ है। (flood situation near yamuna river)

ताजमहल तक पहुँची लहरें

यमुना के पानी की लहरें अब आगरा स्थित ताजमहल के पिछले हिस्से से टकराने लगी हैं। पानी ताज के व्यू पॉइंट तक पहुँच गया है और बांधों के गेटों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बाढ़ के कारण वृंदावन का परिक्रमा मार्ग जलमग्न हो गया है और विभिन्न बांधों व परियोजनाओं से यमुना में छोड़े जा रहे पानी के कारण हालात और बिगड़ने की आशंका है।

पूरा देश आपदा पीड़ितों के साथ खड़ा है: राष्ट्रपति

प्राकृतिक आपदाओं से हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि पूरा देश ऐसे संकट में आपदा पीड़ितों के साथ खड़ा है। उन्होंने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, असम और अन्य हिस्सों में हुई जान-माल की हानि का उल्लेख किया।

पंजाब में भी लोग सदमे में

- लुधियाना ज़िले में सतलुज नदी में आई बाढ़ से कई गाँव प्रभावित हुए हैं और इन इलाकों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है।

- बाढ़ और दुर्घटनाओं से पंजाब में अब तक मरने वालों की संख्या 43 हो गई है और लगभग 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इससे आर्थिक संकट पैदा हो गया है।

कश्मीर पर आसमान टूटा, कोई मदद नहीं मिल रही

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण इस क्षेत्र की अधिकांश नदियाँ उफान पर हैं और कई निचले इलाके जलमग्न हैं। बडगाम, पुलवामा और श्रीनगर ज़िलों के ज़्यादातर गाँवों में स्थिति ख़ास तौर पर गंभीर है और इन इलाकों में अभी तक प्रशासनिक सहायता नहीं पहुँची है। इस बीच, उत्तर भारत में, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बारिश का प्रकोप कम हुआ है और राहत कार्यों में तेज़ी आई है।

2014 की यादें ताज़ा

झेलम नदी की बाढ़ ने इस साल कश्मीर में तबाही मचाई। इसके कारण कई घर, दुकानें और व्यवसाय जलमग्न हो गए। रोज़ी-रोटी के सारे साधन नष्ट हो गए। कश्मीरी लोगों के लिए इस साल 2014 की यादें फिर से ताज़ा हो गईं।
 

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