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क्या आपने कभी सोचा है कि कुआ गोल क्यों होता है? यह त्रिभुज, वर्गाकार या षट्भुज आकार का क्यों नहीं है? दरअसल इसके पीछे एक चौंकाने वाला कारण है। जानकर आप हैरान रह जाएंगे। कुएँ के गोल आकार का कारण विज्ञान है। चूंकि कुएं को लंबे वक्त तक चलना चाहिए, इसलिए इसे गोल आकार में बनाया गया है। कुआं पहले से ही बनाया जा रहा है और तब से इसका रखरखाव किया जा रहा है। आइए जानते हैं कुएं का गोलाकार आकार और इसे बनवाते वक्त बरती जाने वाली अन्य सावधानियां-

ये है कारण

सबसे पहले यह जान लें कि जब भी किसी द्रव को संग्रहित किया जाता है, तो वह जिस रूप में जमा होता है, उसी रूप में आ जाता है। जब किसी द्रव को पात्र में रखा जाता है तो वह उसकी दीवारों पर दाब डालता है। यदि कोई कुआँ चौकोर आकार में बनाया जाता है, तो अंदर का पानी कुएँ की दीवार के कोनों पर ज्यादा दबाव डालेगा। इससे कुएं की उम्र कम होगी और फूटने का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुएं को हमेशा गोल आकार में ही बनाया जाता है। इसलिए कुएं की दीवार पर पानी का दबाव सभी तरफ से बराबर होता है।

हमारी रसोई में ज्यादातर बर्तन भी गोल होते हैं। यदि आप एक गिलास, एक प्लेट, एक कटोरा, एक बाल्टी या एक प्लेट को देखते हैं, तो वे सभी गोल हैं। बर्तन पर सतह के दबाव के नियम का पालन करके उन्हें गोलाकार बनाया जाता है। गोल बर्तनों का जीवन लंबा होता है।

गोल कुएं की खूबियां

आपने चौकोर साइज के कुएं भी देखे होंगे, मगर वे बहुत मजबूत नहीं होते। इनका जीवन काल अपेक्षाकृत कम होता है। गोल कुएँ ज्यादा वक्त तक चलते हैं। गोल कुएं की मिट्टी ज्यादा घिसती नहीं है। एक वृत्ताकार कुएं की आंतरिक सतह पर दबाव सभी ओर बराबर होता है।

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