यदि आपकी प्रतिवर्ष आमदनी दस लाख रुपए है तो आपको एक रुपए का भी टैक्स नहीं देना होगा। जी हां, यदि अब तक आप 10 लाख की प्रतिवर्ष आय पर इनकम टैक्स भर रहे हैं तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिन्हें फॉलो करके आप 10 लाख की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। टैक्स बचाने के कई तरीके हैं। कई लोग गलत तरीके से टैक्स चोरी करते हैं, मगर हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि कैसे आप कानूनी तरीके से टैक्स बचा सकते हैं। यदि आपकी प्रतिवर्ष इनकम दस लाख रुपए है तो आपको कोई टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है।
इनकम टैक्स छूट की लीमिट क्या है?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मौजूदा नियमों के अनुसार प्रतिवर्ष 2.5 लाख रुपए तक की आय टैक्स से मुक्त है. 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5फीसदी, 5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए तक 10 फीसदी और 7.5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक 15फीसदी कर लगाया जाता है। इसी तरह यदि आपकी सालाना आय 10 लाख है तो आपको 20 % टैक्स देना चाहिए। मगर यदि आप कानूनी रास्ता अपनाते हैं तो आपको एक रुपए का भी टैक्स नहीं देना होगा। क्योंकि वे निवेश और आयकर छूट का लाभ उठाकर कर की पूरी राशि बचा सकते हैं।
10 लाख की आमदनी पर टैक्स कैसे बचाएं?
आप 10 लाख की सालाना आय पर एक रुपए का टैक्स कैसे नहीं दे सकते। यदि आपकी सैलरी भी इसी टैक्स ब्रैकेट के आसपास है तो आप इस फॉर्मूले के अंतर्गत टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
टैक्स छूट का लाभ उठाकर आप 10 लाख रुपए तक की आय पर आयकर मुक्त पा सकते हैं। ईपीएफ, पीपीएफ, ईएलएसएस, एनएससी में निवेश कर करदाता 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए बचा सकते हैं। इसके अलावा दो बच्चों की ट्यूशन फीस के तौर पर 1.5 लाख रुपए तक पर इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं। यानी आपने अपनी सालाना आय से 1.5 लाख रुपए की आय घटा दी है और अब आप 8.5 लाख रुपए के टैक्स दायरे में आ गए हैं।
यदि आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अलग से सालाना पांच हजार रुपए तक का निवेश करते हैं, तो सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आप इनकम टैक्स में अतिरिक्त पचास हजार रुपए बचा सकते हैं. अब इस रकम को भी कुल आय में से घटाने के बाद आपकी कुल आय 7.5 लाख रुपए हो जाएगी।
आपको बता दें कि यदि आपने होम लोन लिया है तो आप 2 लाख अतिरिक्त बचा सकते हैं। होम लोन लेने वाले आयकर की धारा 24बी के तहत 2 लाख रुपए के ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसे अपनी सालाना आय से घटाने पर आप 5.50 लाख रुपए के टैक्स दायरे में आ जाएंगे।
साथ ही यदि आपने इनकम टैक्स सेक्शन 80डी के तहत मेडिकल पॉलिसी ली है तो आप टैक्स में 25,000 रुपए तक की बचत कर सकते हैं। मगर स्वास्थ्य बीमा में आपका, आपकी पत्नी और बच्चों का नाम होना चाहिए। आप स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए 25,000 रुपए तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं, जिसमें निवारक स्वास्थ्य जांच की लागत भी शामिल है। इसके अलावा, यदि आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो आप उनके नाम पर स्वास्थ्य बीमा खरीद कर 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं।
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