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Up Kiran, Digital Desk: रोज की भागदौड़ में हम अक्सर एक चीज को सबसे ज्यादा नजरअंदाज कर देते हैं - हमारा लंच बॉक्स। सुबह-सुबह क्या बना है, इस पर नाक-भौं सिकोड़ने से लेकर दोस्तों का टिफिन चट कर जाने तक, लंच हमारे दिन का एक अहम हिस्सा है। लेकिन क्या हमने कभी सच में अपने लंच की इज्जत की है?

शायद नहीं। इसीलिए आज का दिन खास है। आज है 'नेशनल लव योर लंच डे' - यानी अपने दोपहर के भोजन से प्यार करने का दिन। यह सिर्फ एक फैंसी नाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बहुत खूबसूरत सोच छिपी है।

आपका टिफिन बॉक्स सिर्फ खाना नहीं, एक कहानी है

सोचिए, किसी के टिफिन में मां के हाथ के बने पराठे होते हैं, तो किसी के डिब्बे से इडली-सांभर की महक आती है। किसी का लंच उसकी सेहत की कहानी कहता है, तो किसी का लंच उसके शहर और संस्कृति की पहचान होता है। आपका लंच बॉक्स सिर्फ आपका पेट नहीं भरता, बल्कि यह बताता है कि आप कौन हैं और कहां से आते हैं।

यह प्यार, देखभाल और परंपरा का एक छोटा सा डिब्बा है जिसे हम रोज अपने साथ लेकर चलते हैं।

क्या कभी आपके लंच का मजाक उड़ा है?

ऑफिस या स्कूल में यह बहुत आम है। किसी के खाने की महक को लेकर कमेंट करना, किसी के सिंपल खाने पर हंसना या किसी की डिश को 'अजीब' कहना - इसे 'लंच शेमिंग' कहते हैं। ऐसा करने से हम अनजाने में किसी की भावनाओं और उसकी संस्कृति को ठेस पहुंचा देते हैं।

'नेशनल लव योर लंच डे' हमें यही सिखाता है कि हम अपने लंच के साथ-साथ दूसरों के लंच का भी सम्मान करें।

आइए, लंच को एक 'खुशियों का त्योहार' बनाएं

आज इस मौके पर, आइए एक छोटी सी कोशिश करें।

शेयर करें: आज अपना लंच अपने दोस्तों या सहकर्मियों के साथ शेयर करें।

बात करें: उनसे पूछें कि वे लंच में क्या लाए हैं और उस डिश के बारे में जानें।

तारीफ करें: किसी का खाना अच्छा लगे तो उसकी तारीफ करने में कंजूसी न करें।

जब हम एक साथ बैठकर खाते हैं, खाने की बातें करते हैं और एक-दूसरे के स्वाद का सम्मान करते हैं, तो हमारे रिश्ते और भी मजबूत होते हैं। यह एक खुशनुमा और समावेशी (inclusive) माहौल बनाता है, जहां हर कोई अपनेपन को महसूस करता है।