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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपको भी लगता है कि आपकी सैलरी आते ही खत्म हो जाती है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं. एक नई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पिछले तीन सालों में भारतीय परिवारों का औसत तिमाही खर्च 33% से ज्यादा बढ़ गया है. जो खर्च 2022 में करीब 42,000 रुपये था, वो 2025 में बढ़कर 56,000 रुपये से ज्यादा हो गया है.

यह जानकारी कंज्यूमर बिहेवियर पर नजर रखने वाली संस्था 'वर्ल्डपैनल बाय न्यूमरेटर' (Worldpanel by Numerator) की 'खर्चा 3.0' नाम की रिपोर्ट में सामने आई है.

शहरों में जेब पर सबसे ज्यादा बोझ

रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू खर्च में यह बढ़ोतरी शहरों और गांवों दोनों में देखी गई है, लेकिन शहरी परिवारों की जेब पर बोझ सबसे ज्यादा पड़ा है.

जून 2022 में: शहरी परिवारों का औसत तिमाही खर्च लगभग 52,711 रुपये था.

मार्च 2024 में: यह बढ़कर 64,583 रुपये हो गया.

मार्च 2025 में: और अब यह 73,579 रुपये तक पहुंच गया है.

गांव भी पीछे नहीं: शहरों में खर्च ज्यादा है, लेकिन रिपोर्ट यह भी बताती है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले परिवारों के खर्च में भी "तेज उछाल" आया है. इसका मतलब है कि महंगाई की मार या बढ़ती जरूरतों का दबाव अब गांवों और शहरों में बराबर महसूस किया जा रहा है.