img

Up Kiran, Digital Desk: जब भी डेस्क जॉब से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं की बात आती है, तो हमारा ध्यान सबसे पहले कमर दर्द या गर्दन के अकड़न पर जाता है। हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि घंटों तक कुर्सी पर गलत तरीके से बैठने का असर हमारे घुटनों पर भी पड़ता है। आपको शायद यकीन न हो, लेकिन आपकी बैठने की कुछ सामान्य आदतें चुपचाप आपके घुटनों को कमजोर और बीमार बना रही हैं।

1. हवा में पैर लटकाकर बैठना

अगर आपकी कुर्सी की ऊंचाई ज्यादा है और आपके पैर जमीन तक नहीं पहुंचते, तो यह आपके घुटनों के लिए बहुत खतरनाक है। जब पैर हवा में लटके रहते हैं, तो जांघों के पिछले हिस्से पर दबाव पड़ता है, जिससे घुटनों तक खून का बहाव ठीक से नहीं हो पाता। इससे घुटनों के जोड़ों पर अनावश्यक तनाव पैदा होता ।
समाधान: हमेशा एक फुटरेस्ट (पैर रखने का स्टूल) का इस्तेमाल करें या अपनी कुर्सी की ऊंचाई को एडजस्ट करें ताकि आपके पैर जमीन पर आराम से टिक सकें।

2. पैर पर पैर चढ़ाकर बैठना (Crossing Legs)

यह बैठने का एक बहुत ही कॉमन स्टाइल है, लेकिन यह आपके घुटनों का दुश्मन है। जब आप एक पैर को दूसरे पर चढ़ाकर बैठते हैं, तो इससे आपके कूल्हे और पेल्विस का अलाइनमेंट बिगड़ जाता है। इसका सीधा असर आपके घुटनों पर पड़ता और एक घुटने पर ज्यादा दबाव बनता है, जिससे लिगामेंट्स में खिंचाव आ सकता है।

3. कुर्सी के किनारे पर बैठना

कई बार हम काम में इतने मशगूल हो जाते  कि कुर्सी पर पीछे टिककर बैठने के बजाय उसके किनारे पर आकर बैठ जाते हैं। ऐसा करने से हमारे शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए हमारी जांघों की मांसपेशियों (quadriceps) को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती । यह अतिरिक्त तनाव सीधे हमारे घुटनों पर आता और दर्द का कारण बनता है।

4. झुककर या कूबड़ निकालकर बैठना (Slouching)

आपको लग सकता झुककर बैठने का घुटनों से क्या लेना-देना, लेकिन हमारे शरीर का हर हिस्सा एक-दूसरे से जुड़ा है। जब आप अपनी पीठ झुकाकर बैठते  तो यह आपकी रीढ़ की हड्डी के नैचुरल कर्व को बिगाड़ देता । इसका असर आपके कूल्हों पर पड़ता और जब कूल्हे सही पोजीशन में नहीं होते, तो घुटनों पर असमान दबाव पड़ने लगता ।

5. घंटों तक एक ही जगह बैठे रहना

यह सबसे बड़ी गलती है। हमारे घुटनों के जोड़ स्वस्थ रहने के लिए मूवमेंट पर निर्भर करते । जब आप घंटों तक बिना हिले-डुले एक ही जगह बैठे रहते हैं, तो जोड़ों में अकड़न आने लगती है। उन्हें लुब्रिकेट करने वाला साइनोवियल फ्लूइड ठीक से सर्कुलेट नहीं हो पाता और सहारा देने वाली मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं।
समाधान: हर 30-40 मिनट में एक ब्रेक लें। उठकर थोड़ा टहलें, अपने पैरों को स्ट्रेच करें। यह छोटा सा बदलाव आपके घुटनों को बचा सकता है।