
Up Kiran, Digital Desk: अपना एक खूबसूरत सा घर होना, यह हर किसी का सबसे बड़ा और सबसे प्यारा सपना होता है। लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलने की राह में जो सबसे बड़ी चुनौती आती है, वह है - होम लोन। बैंक से लोन लेने की प्रक्रिया अक्सर हमें डरावनी और मुश्किल लगती है। कागजात, नियम-शर्तें, और सबसे बड़ा डर - कहीं हमारा लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट न हो जाए!
घबराइए नहीं। होम लोन लेना उतना भी मुश्किल नहीं है, जितना लगता है। बस आपको कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होता है। चलिए, आज हम इसे बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि बैंक आपको लोन देने से पहले क्या-क्या देखता है।
1. आपकी फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड (क्रेडिट/CIBIL स्कोर)
जैसे स्कूल में रिपोर्ट कार्ड बताता था कि आप पढ़ाई में कैसे हैं, वैसे ही आपका क्रेडिट स्कोर (या सिबिल स्कोर) बताता है कि आप पैसों के मामले में कितने जिम्मेदार हैं।
क्या है अच्छा स्कोर?: 750 या उससे ज़्यादा का स्कोर 'शानदार' माना जाता है। इससे बैंक को भरोसा होता है कि आप समय पर अपनी EMI चुकाएंगे।
कैसे सुधारें?: अपने क्रेडिट कार्ड के बिल और दूसरे लोन की EMI हमेशा समय पर भरें।
2. आपकी उम्र और बाकी बचा करियर
बैंक अक्सर युवा लोगों को लोन देना पसंद करते हैं क्योंकि उनके पास लोन चुकाने के लिए एक लंबा करियर (ज्यादा समय) होता है।
आदर्श उम्र: 21 से 45 साल के बीच के आवेदकों को सबसे अच्छा माना जाता है।
अधिकतम उम्र: ज़्यादातर बैंक यह सुनिश्चित करते हैं कि लोन आपकी रिटायरमेंट की उम्र (60-65 साल) तक पूरा चुक जाए।
3. आपकी कमाई और नौकरी की स्थिरता (इनकम और जॉब स्टेबिलिटी)
यह सबसे ज़रूरी बातों में से एक है। बैंक यह देखना चाहता है कि आपके पास लोन चुकाने के लिए एक रेगुलर और स्थिर इनकम है या नहीं।
क्या देखते हैं बैंक?: अगर आपकी सरकारी नौकरी है या आप किसी बड़ी और प्रतिष्ठित प्राइवेट कंपनी (MNC) में काम करते हैं, तो लोन मिलना आसान हो जाता है।
न्यूनतम आय: हर बैंक की न्यूनतम आय की शर्त अलग होती है, लेकिन आपकी महीने की सैलरी जितनी ज़्यादा और स्थिर होगी, आपके चांस उतने ही बेहतर होंगे।
4. आप पर पहले से कितना कर्ज है (Debt-to-Income Ratio)
बैंक यह भी जांचता है कि आपकी कमाई का कितना हिस्सा पहले से चल रही EMI (जैसे कार लोन, पर्सनल लोन) में जा रहा है। अगर आप अपनी कमाई का 40-50% से ज़्यादा हिस्सा पहले ही EMI में दे रहे हैं, तो बैंक नया लोन देने में हिचकिचा सकता है।
5. आप जो घर खरीद रहे हैं, उसकी 'कुंडली' (प्रॉपर्टी के दस्तावेज़)
आखिर में, बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जिस प्रॉपर्टी के लिए वह लोन दे रहा है, वह कानूनी रूप से साफ-सुथरी हो। उसके कागजात में कोई कमी नहीं होनी चाहिए और उसे सरकारी autorités से सभी ज़रूरी मंजूरी मिली हो।
बोनस टिप: अप्रूवल के चांस कैसे बढ़ाएं?
सह-आवेदक (Co-applicant): अपनी पत्नी या माता-पिता जैसे किसी कमाऊ सदस्य के साथ मिलकर जॉइंट होम लोन के लिए अप्लाई करें। इससे आपकी लोन की पात्रता बढ़ जाती है।
बड़ा डाउन पेमेंट: कोशिश करें कि आप घर की कुल कीमत का 20% से ज़्यादा डाउन पेमेंट कर सकें। इससे बैंक का रिस्क कम होता है और लोन आसानी से मिलता है।
अपना घर खरीदना एक बड़ा फैसला है, और थोड़ी सी समझदारी और तैयारी के साथ आप अपने इस सपने को आसानी से हकीकत में बदल सकते हैं।