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Up Kiran, Digital Desk: बांग्लादेश की राजनीति इन दिनों उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस, जो वर्तमान में कथित अंतरिम सरकार के प्रमुख हैं, पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। सूत्रों और कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि यूनुस, विदेशी ताकतों के साथ मिलकर वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को गिराने के लिए एक 'तख्तापलट' की साजिश रच रहे हैं। आरोप है कि देश में जो हिंसा और अशांति का माहौल है, वह कोई जनक्रांति नहीं, बल्कि इसी सोची-समझी साजिश का हिस्सा है

यूनुस के खिलाफ 'तख्तापलट' की साजिश के आरोप

जानकारी के अनुसार, शेख हसीना की सरकार का सत्ता से बेदखल होना और उसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का सत्ता में आना, सब एक पूर्वनियोजित खेल का हिस्सा हो सकता है यह आरोप लगाया जा रहा है कि विदेशी शक्तियां, विशेष रूप से अमेरिका और पाकिस्तान, इस पूरे खेल में शामिल हैं। 

कहा जा रहा है कि यूनुस, इन विदेशी शक्तियों के समर्थन से बांग्लादेश को एक "इस्लामिक देश" बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो कि देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है। इन आरोपों के अनुसार, देश में हो रही हिंसा का उपयोग केवल राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने और हसीना सरकार को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है, न कि यह कोई जन-आंदोलन या क्रांति है।

विदेशी हस्तक्षेप और पाकिस्तान-चीन का हाथ

विश्लेषकों का मानना है कि मोहम्मद यूनुस की सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही भारत के साथ संबंधों को कमजोर किया है और चीन व पाकिस्तान के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाई हैं।कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश में सक्रिय हो गई है और हथियारों तथा ड्रग्स की तस्करी कर रही है, जिसका उद्देश्य देश के अंदर अस्थिरता बढ़ाना है वहीं, अमेरिकी प्रशासन पर भी यूनुस को समर्थन देने और हसीना को सत्ता से दूर रखने की कोशिश करने का आरोप है।विशेष रूप से, कुछ विदेशी ताकतों का समर्थन प्राप्त करके, यूनुस बांग्लादेश की सेना के प्रमुख के खिलाफ भी साजिश रच रहे हैं, जिसका उद्देश्य सेना पर अपना नियंत्रण स्थापित करना है।

शेख हसीना और अवामी लीग पर कार्रवाई

शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग, पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और उनके समर्थकों पर लगातार हमले के आरोप लग रहे हैं। अवामी लीग के सांसदों के खिलाफ हत्या और नरसंहार जैसे गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं।यहां तक कि एक मामले में शेख हसीना को सजा देने की घोषणा भी की गई है।शेख हसीना खुद सोशल मीडिया के माध्यम से यूनुस सरकार पर हमला बोल रही हैं और राष्ट्रीय विश्वासघात का आरोप लगा रही हैं बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) भी हसीना के नए वकील की नियुक्ति की याचिका खारिज कर चुका है, जिसे उनके बचाव के अधिकार का हनन बताया जा रहा है।]

राजनीतिक अस्थिरता और भारत के लिए चिंता

बांग्लादेश में इस तरह की राजनीतिक अस्थिरता और विदेशी हस्तक्षेप का भारत के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है अगर बांग्लादेश का नेतृत्व कट्टरपंथी और भारत विरोधी ताकतों के हाथ में जाता है, तो इसका सीधा असर दक्षिण एशिया की सुरक्षा और स्थिरता पर पड़ेगा। भारत, जो हमेशा से बांग्लादेश में एक स्थिर और धर्मनिरपेक्ष सरकार का समर्थक रहा है, इस स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है

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