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क्रिकेट की दुनिया के सिक्सर किंग और महान ऑलराउंडर युवराज सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से करोड़ों दिलों पर राज किया है और अनगिनत युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं। मगर हाल ही में युवराज ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने उनके फैंस को चौंका दिया है। उनका कहना है कि वह नहीं चाहते कि उनका बेटा बड़ा होकर क्रिकेटर बने! इसके पीछे की वजह भी उन्होंने बताई है, जो सोचने पर मजबूर करती है।
43 वर्षीय इस पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने 17 साल से ज्यादा समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला और भारतीय टीम के साथ वनडे वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े खिताब जीते। इसके अलावा, उन्होंने आईपीएल में भी सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के साथ कई बार ट्रॉफी उठाई है। दिलचस्प बात यह है कि युवराज के पिता योगराज सिंह भी भारत के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट खेल चुके हैं।
युवराज ने अपने पिता के नक्शेकदमों पर चलते हुए क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम रोशन किया, मगर अब वह नहीं चाहते कि उनका तीन साल का बेटा ओरियन क्रिकेटर बने। कर्ली टेल्स यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू के दौरान 2011 वनडे वर्ल्ड कप के हीरो युवराज ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनका बेटा क्रिकेट खेले, हालांकि अगर वह फिर भी क्रिकेटर बनने का फैसला करता है तो वह उसका पूरा समर्थन करेंगे।
युवराज ने कहा, “उसे (ओरियन) क्रिकेट का बहुत शौक पड़ गया है क्योंकि उसने मुझे खेलते हुए देखा है। हर बार जब मैं उसे देखता हूं, वह कहता है, ‘डैड, मुझे आपके साथ क्रिकेट खेलना है,’ और मैं कहता हूं, ‘नहीं, मैं नहीं चाहता कि तुम क्रिकेट खेलो।’ मैं ये उससे नहीं कह रहा हूं, बल्कि अपने अंदर कह रहा हूं।”
उन्होंने आगे अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं नहीं चाहता कि वह क्रिकेट खेले। यदि वो खेलना चाहता है, तो मैं उसका साथ दूंगा। मुझे लगता है कि आज के समाज में क्रिकेट खेलना बहुत दबाव भरा है। हर बच्चे की तुलना उसके पिता की विरासत से की जाती है। मुझे लगता है कि यह बहुत अनुचित है। क्योंकि हर किसी में एक जैसा टैलेंट नहीं हो सकता। किसी में होगा किसी में नहीं होगा। किसी में किसी और चीज का टैलेंट होगा मगर यदि वो खेलना चाहता है, तो मैं यकीनन उसका समर्थन करूंगा।