img

Up Kiran, Digital Desk: लांसेट (Lancet) की एक नई रिपोर्ट ने भारत के लिए एक बहुत बड़ी चिंता खड़ी कर दी है. इस रिसर्च से पता चला है कि भारत में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का संकट कितना गंभीर और खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. आसान शब्दों में कहें तो अब शरीर पर एंटीबायोटिक्स दवाओं का असर कम होता जा रहा है, जिससे मामूली लगने वाली बीमारियां भी जानलेवा बन सकती हैं.

यह स्टडी इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत में एंटीबायोटिक दवाओं का अंधाधुंध और गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है. जब हम जरूरत से ज्यादा या बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं लेते हैं, तो बैक्टीरिया उन दवाओं के खिलाफ मजबूत हो जाते हैं और उन पर दवा का असर होना बंद हो जाता है. ऐसे में अगर किसी को कोई संक्रमण होता है, तो पहले से काम करने वाली दवाएं उस पर बेअसर साबित होंगी. यह स्थिति भारत के स्वास्थ्य सिस्टम के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है क्योंकि इससे न सिर्फ इलाज महंगा हो जाएगा, बल्कि कई बीमारियों का इलाज असंभव भी हो सकता है. यह हम सबके लिए एक खतरे की घंटी है कि हम दवाओं के इस्तेमाल को लेकर ज्यादा जिम्मेदार बनें.