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कनाडा और भारत के मध्य बढ़ते तनाव ने एक और मोड़ ले लिया है। एक ओर कनाडा के पीएम ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का इल्जाम लगाया। जिससे काफी विवाद हुआ।

अब इस बारे में एक स्वतंत्र ब्लॉगर जेनिफ़र जेंग ने नया दावा किया है। खालिस्तानी समर्थक की हत्या के पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा है। झेंग ने इसके पीछे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) एजेंट का हाथ होने का इल्जाम लगाया है।

जेनिफ़र जेंग ने कहा है कि चीन की मंशा भारत और पश्चिमी देशों के बीच टकराव पैदा करना था। जेनिफर जेंग चीनी मूल की नागरिक, सूचना अधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार हैं। जो फिलहाल अमेरिका में रह रहे हैं।

सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर निज्जर की हत्या को लेकर यह दावा किया गया है। निज्जर की हत्या कनाडा में हुई थी, इसका खुलासा सीसीपी गुट ने किया था। यह हत्या सीसीपी के एजेंट ने की थी। ब्लॉगर जेंग ने चीनी लेखक, यूट्यूबर लाओ डेंग के हवाले से कहा कि डेंग कनाडा में रहते हैं।

इसी साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने चेहरे पर रूमाल बांधकर अपना चेहरा छिपा लिया था।

लाओ ने कहा कि इस साल जून में चीन के एक आला अफसर को इग्निशन योजना के तहत सिएटल भेजा गया था। वहां एक गुप्त बैठक हुई। चीन का इरादा भारत और पश्चिम के बीच रिश्ते खराब करना था।

चीन ने कनाडा में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए अपने एजेंटों की मदद की। चीनी लेखक लाओ डेंग ने दावा किया है कि सीसीपी एजेंटों ने बैठक के बाद बड़ी चतुराई से हत्या की योजना को अंजाम दिया।

इतना ही नहीं, ब्लॉगर ने कहा कि 18 जून को निज्जर को साइलेंट गन लेंस से ट्रैक किया गया था। जब काम पूरा हो गया, तो सबूत मिटाने के लिए निज्जर की कार का डैश कैमरा नष्ट कर दिया गया। इसके बाद एजेंट भाग गया।

हरदीप की हत्या में प्रयुक्त हथियार भी जला दिये गये। अगले ही दिन वे सभी कनाडा छोड़कर भाग गये। निज्जर के हत्यारों ने जानबूझकर भारतीय अंग्रेजी सीखी थी। जेनिफ़र झेंग के आरोपों पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

कनाडा द्वारा भारत पर निज्जर की हत्या का इल्जाम लगाने के बाद भारत ने भी आक्रामक रुख अपना लिया है। उन्होंने बताया कि कनाडा को अपने 41 अधिकारियों को वापस बुला लेना चाहिए। हिंदुस्तान ने कनाडा में अपनी वीज़ा सेवा पहले ही बंद कर दी है।

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