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चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur) जिले के निघासन में दो नाबालिग बहनों के साथ हुई घटना की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि चित्रकूट में एक दलित परिवार की बेटी के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। पीड़िता की मां ने तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस मामले में भी पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं और सपा विधायक ने नाराजगी जताई है।

मिली जानकारी के मुताबिक सीतापुर चौकी के एक गांव में रहने वाले दलित परिवार का आरोप है कि देर रात दो बजे के आसपास तीन लोग आए और वे जबरन उनकी बेटी को घर से उठा ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद घायल अवस्था में उसे फेंक गए। उनकी बेटी करीब 16 घंटे बाद बेहोशी की हालत में रामघाट के पास मिली। (Lakhimpur)

गांव के अन्य लोगों द्वारा सूचना मिलने पर परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। बेटी की हालत काफी गंभीर थी। उसके शरीर पर कई जगह दांत से काटने के निशान थे। परिजन घायल अवस्था में उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे और इलाज शुरू करवाया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल पहुंची महिला पुलिस ने परिजन की अनुपस्थित में पीड़िता से अपने हिसाब से बयान लेने लगी। गैंगरेप की खबर मिलते ही समाजवादी पार्टी के सदर विधायक अनिल प्रधान जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पुलिस द्वारा नाबालिग लड़की के घरवालों की उपस्थिति के बिना बयान का वीडियो बनाने पर आपत्ति जताई। (Lakhimpur)

कहा- लापरवाही बरत रही पुलिस

सपा विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस दलित उत्पीड़न के मामलों में संजीदगी बरतने के बजाय उन्हें रफा-दफा करने में जुटी रहती है। विधायक ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। बताया जा रहा है कि पीड़िता के पिता के हस्ताक्षर के बिना ही तहरीर भी ली गई है। उधर, चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा ने कहा कि लड़की कुछ लोगों के साथ गई थी। वो लोग उसे राजापुर लेकर गए थे। इसके बाद वापस सीतापुर छोड़ गए। (Lakhimpur)

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