एमबीए चायवाला (MBA Chaiwala) और ग्रेजुएट चायवाली (Graduate Chaiwali) के बारे में आपने सुना होगा. आज हम आपको बी.टेक पानीपूरी (B.tech wala panipuri) वाले के बारे में बता रहे हैं. कंप्यूटर साइंस से 2021 में बीटेक करने वाले आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के रहने वाले इस युवा आर. रामाकृष्णन को जॉब नहीं मिली तो इसने घर खाली बैठने के बजाय अपना बिजनेस करने की ठानी. रामाकृष्णन ने ‘बीटेक वाला पानीपूरी’ नाम से स्टॉल लगाकर गोलगप्पे (Golgappa) बेचने शुरू कर दिए.
2021 में एक स्टॉल से काम शुरू करने वाले रामाकृष्णन आज पांच स्टॉल चलाते हैं और उन्होंने कई लोगों को रोजगार दे रखा है. रामाकृष्णन का कहना है कि जो लोग शुरू में पानीपूरी का स्टॉल लगाने पर उनका मजाक उड़ाते थे, आज वो ही उनके पास फ्रेंचाइची देने की रिक्वेस्ट लेकर आते हैं.
कैसे आया आइडिया?
रामाकृष्णन का कहना है कि एक बार वो अपने भाई के साथ पुणे गए थे. वहां उन्होंने गोलगप्पे खाए. वहां स्टॉल वाला अलग-अलग तरह के टेस्ट का पांच तरह का पानी गोलगप्पों के साथ सर्व कर रहा था. विशाखापट्टनम में इस गोलगप्पे में इतने प्रकार का पानी डालकर नहीं दिया जाता है. इससे ही रामाकृष्णन को अपने शहर में ऐसा स्टॉल खोलने का आइडिया आया, जहां लोगों को कई तरह का पानी डालकर गोलगप्पे दिए जाएं.
नौकरी नहीं मिली तो शुरू की स्टॉल
2021 में रामाकृष्णन ने कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर ली. कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए आई एक कंपनी ने उन्हें नौकरी के लिए चुन भी लिया. लेकिन, कोरोना के कारण कंपनी ने रामाकृष्णन को ऑफर लेटर नहीं दिया. नौकरी नहीं मिलने पर रामाकृष्णन ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर गोलगप्पे का स्टॉल शुरू कर दी. गोलगप्पे बनाने का काम उन्होंने यूट्यूब और गूगल से सीखा. उनके स्टॉल पर गोलगप्पों में डालने के लिए पुदीना, जीरा, लहसुन, खट्टा-मीठा और हींग के फ्लेवर वाला पानी मिलता है.
रोज कमाते हैं हजारों रुपये
रामाकृष्णन ने बताया कि शुरुआत में तो उनकी कमाई कम रही. वे मुश्किल से दिन में एक हजार रुपये कमा पाते थे. फिर ग्राहकों ने गोलगप्पों के साथ अन्य सामान बेचने की राय दी. पांच महीनों बाद उनकी दुकान चल निकली. रामाकृष्णन की दुकान इतनी प्रसिद्ध हुई कि उनके पास ग्राहकों की भारी भीड़ जुटने लगी.
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