संसद के बाद अब सड़क पर भी भाजपा-विपक्ष में किसानों का नेता बनने की छिड़ी सियासी जंग

img

कमाल की राजनीति है । कोई भी राजनीतिक दल देश की जनता के सामने अपने आपको सबसे बड़ा हितेषी बताने के लिए तमाम तरह के हथकंडे, सियासी दांव आजमाता है । इन दिनों एक बार फिर राजधानी ‘दिल्ली से पक्ष और विपक्ष के नेताओं में देश के किसानों को यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि हम आपके साथ खड़े हुए हैं’ ।

MP

पहले हम बात शुरू करते हैं संसद में हुए संग्राम की । मानसून सत्र में भाजपा और एनडीए कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं के बीच कृषि बिल पर ठनी हुई है। मोदी सरकार ने जब इस बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास कराया तो विपक्ष ने उच्च सदन में इतना हंगामा मचाया कि पूरे जान लें कि हम किसानों के साथ हैं । ‘विपक्ष के आठों सांसदों ने उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की सीट के पास आकर इतना जोर से शोर मचाया कि किसान देख लें, हम आपके न्याय के लिए मोदी सरकार से संघर्ष कर रहे हैं’ ।

उपसभापति पर हुए दुर्व्यवहार के बाद सोमवार को सभापति वेंकैया नायडू ने हुए डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजीव साटव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन और ए करीम को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया । लेकिन बात यहां से और भड़क गई। जो लड़ाई अभी तक मोदी सरकार के सांसदों और विपक्ष के सांसदों के बीच संसद में चल रही थी अब सड़क पर आ गई ।

सस्पेंड किए गए सांसदों की धरना पॉलिटिक्स पर भाजपा सरकार ने चला सियासी दांव

आठों निलंबित सांसदों ने एक और सियासी दांव चला और संसद परिसर में सोमवार पूरी रात धरने पर बैठ गए । धरने पर बैठे इन सभी आठ सांसदों ने देशवासियों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी सरकार ने कृषि विधेयक पर किसानों के साथ अन्याय किया है । दूसरी ओर इन सांसदों वह लग रहा है कि धरने से किसानों की सहानुभूति मिल जाएगी ।

इसके बाद भाजपा को एक बार फिर लगने लगा कि आठों सांसदों का धरने का दांव कहीं उल्टा न पड़ जाए । उसके बाद मोदी सरकार ने मंगलवार सुबह ही नवनिर्वाचित उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को संसद परिसर में इन सांसदों की नाराजगी कम करने के लिए चाय लेकर भेज दिया । हरिवंश सिंह को इन सांसदों के पास इसलिए भेजा गया कि सांसदों को सस्पेंड करने में उपसभापति का बड़ा योगदान रहा है ।

इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने यह बताने का प्रयास किया कि इन आठों सांसदों ने संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है तभी इन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है । दूसरी ओर संसद परिसर में सुबह इन सभी सांसदों ने उपसभापति हरिवंश सिंह के सियासी दांव को कोई खास महत्व नहीं दिया और किसानों के प्रति लहर बनाने की कोशिश करते रहे ।

सांसद संजय सिंह ने कही ये बात

इस दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि उपसभापति सुबह धरना स्थल पर मिलने आए हमने उनसे भी कहा कि नियम कानून संविधान को ताक पर रखकर किसान विरोधी काला कानून बिना वोटिंग के पास किया गया जबकि भाजपा सरकार अल्पमत में थी और आप भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।

संजय सिंह ने कहा कि हम यहां किसानों के लिए बैठे हुए हैं । किसानों के साथ भाजपा सरकार ने धोखा किया है, यह पूरा देश देख रहा है । दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश नारायण सिंह की प्रशंसा कर दी । मोदी ने कहा कि जिन सांसदों ने कुछ दिन पहले हमला किया और उन सांसदों से जाकर मुलाकात करना और चाय देना, दिखाता है कि हरिवंश सिंह कितने विनम्र हैं ।

भाजपा ने उपसभापति के अपमान को बिहार चुनाव से भी जोड़ दिया–

सांसदों के धरना प्रदर्शन पर भाजपा को लगने लगा कि कहीं ऐसा न हो जाए विपक्ष किसान बिल के मुद्दे पर लहर ले जाए। भाजपा को सबसे बड़ी चिंता बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की है । राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह बिहार से ही आते हैं । अब भाजपा सरकार ने एक और हथकंडा अपनाते हुए कहा है कि राज्य सभा में किसान विधेयक पारित करने के दौरान विपक्ष ने उपसभापति नहीं बल्कि बिहार का अपमान किया है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित तमाम बीजेपी नेताओं ने हरिवंश सिंह के मुद्दे को बिहार की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया है । केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे धार देते हुए कहा कि हरिवंश देश और बिहार के सम्मानित बुद्धिजीवी, लेखक और पत्रकार हैं । बिहार के लोग उनका बेहद सम्मान करते हैं ।

ऐसे में रविवार को उनके साथ कांग्रेस और आरजेडी की मौजूदगी में जो कुछ भी हुआ वह बिहार का अपमान है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा यदि उस समय वहां पर मार्शल न होते और उन्हें न बचाते तो उस समय उन पर शारीरिक हमला भी हो सकता था ।

इससे पहले राज्यसभा में भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे मुद्दा बनाया और कहा कि हरिवंश सिंह के साथ विपक्ष का जिस तरह का अमर्यादित आचरण था, वह संसदीय गरिमा के साथ बिहार और देश का भी अपमान है। बिहार के चुनाव में यह मुद्दा बनेगा और जनता ऐसे लोगों को सबक भी सिखाएगी। राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर कहा संसद में विपक्षी नेताओं के उपसभापति के साथ बर्ताव से बिहार के लोगों में भारी आक्रोश है।

Related News