
नई दिल्ली॥ UAE के बाद अब एक और मुस्लिम मुल्क ने अपनी कौम से गद्दारी की है। बहरैन की आले ख़लीफ़ा सरकार ने इस्रईल से पूर्ण रिश्ते स्थापित करने पर सहमति जता दी है जिस पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और लोगों में भारी आक्रोश है।
फ़िलिस्तीनी सरकार ने बहरैन के इस विश्वासघाती क़दम पर आपत्ति स्वरूप मनामा से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। फ़िलिस्तीनी प्रशासन के विदेश मत्री रियाज़ अलमालेकी ने बहरैन व ज़ायोनी शासन के बीच संबंधों की स्थापना के बारे में परामर्श और इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप ज़रूरी क़दम उठाने के लिए बहरैन से फ़िलिस्तीनी राजदूत को वापस बुला लिया है। ज्ञात रहे कि शुक्रवार की रात यूएस प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रम्प ने बहरैन व ज़ायोनी शासन के बीच संबंध सामान्य होने की सूचना दी थी।
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि बहरैन तथा इजरायल अपने रिश्तों को पूरी तरह से सामान्य बनाने पर सहमत हो गए हैं। फिलिस्तीन के हमास संगठ ने भी आले ख़लीफ़ हुकूमत के इस क़दम की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह सेंचुरी डील को लागू करने की एक कड़ी है जिसका उद्देश्य फ़िलिस्तीनी कॉज को खत्म कर देना है।