इस विशेष योग में रखा जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत, जान लें डेट और पूजा का मुहूर्त

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हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार प्राचीन काल से ही महिलायें अपने बच्चे के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती आ रही हैं। इस पर्व को ‘होई’ नाम से भी जाना जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत खास कर संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ और उनके जीवन की सुख समृद्धि के लिए किया जाता है। इस व्रत में माता पार्वती की पूजा की जाती है।

Ahoi Ashtami

हिंदू पंचांग के मुताबिक अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिषविद कहते हैं कि अहोई अष्टमी के व्रत में संध्या काल व्यापिनी अष्टमी तिथि को लिया जाता है। इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्तूबर दिन गुरुवार को मनाया जायेगा।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार अहोई अष्टमी व्रत के दिन गुरु पुष्य-योग रहेगा जिससे इस व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाएगा। अहोई व्रत का पारण तारों का दर्शन करने के बाद किया जाता है। संध्या काल होने पर व्रती माताएं अहोई अष्टमी माता की पूजा कर तारों का दर्शन कर उन्हें जल का अर्घ्य देती हैं, तभी व्रत का महत्व पूरा होता है।

पूजा का समय

दिन में अहोई अष्टमी कथा सुनने और पूजन के लिए दोपहर 12:30 से 2 बजे के बीच स्थिर लग्न और शुभ चौघड़िया मुहूर्त का समय श्रेष्ठ होगा। संध्याकाल में अहोई माता के पूजन के लिए शाम 6:30 से 8:30 के बीच स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त होगा।

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