almora news: बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी की जमीन अधिग्रहण में दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल की अनदेखी की गई। सूत्रों से पता चला है कि राज्य के एक उच्च पदस्थ राजनेता के प्रभाव के कारण उनकी संपत्ति का पंजीकरण केवल दो दिनों में पूरा हो गया और अंतिम प्रक्रिया देर रात तक चली।
वर्ष 2021 में मनोज बाजपेयी ने अल्मोड़ा के लमगरा विकासखंड के कपकोट गांव में करीब 15 नाली जमीन खरीदी थी। कथित तौर पर इस अधिग्रहण का उद्देश्य ध्यान और योग केंद्र की स्थापना करना था। बाजपेयी की जमीन की जांच चल रही है। इसमें किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को भी दोषी ठहराया जा सकता है।
बाजपेयी की जमीन जब्त किए जाने की भी चर्चा है। हालांकि डीएम आलोक कुमार पांडे ने कहा कि जब्ती का फैसला पूरी तरह जांच के नतीजों पर निर्भर करेगा। यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि जमीन खरीद के दौरान जरूरी मानकों का पालन नहीं किया गया। फिलहाल जांच चल रही है और अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में शासन को भी अवगत करा दिया गया है।
डीएम ने साफ तौर पर कहा कि जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की जांच में पता चला है कि तीन और लोगों की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। नतीजतन, कुल 23 अलग-अलग मामलों की जांच चल रही है।
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