न्यूयॉर्क ।। विश्व के लगभग 200 देशों में कोरोना फैलाने का जिम्मेदार चीन को माना जा रहा है। चीन की इस बात पर भी लोगों को शक है कि यह वाकई में जानवरों से फैला है या उसकी कोई साजिश है। इसी बात को लेकर अमेरिका समेत दुनिया के कई देश चीन पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में अब अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प हर तरह से चीन के विरूद्ध आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।
ट्रम्प ने साफ कर दिया है कि उनकी जांच एजेंसियां चीन में जाकर इस महामारी का पता लगाना चाहती है। यूएस को शक है कि चीन में यह महामारी उसकी लैब से फैली है, लेकिन ड्रैगन अपने देश में किसी भी जांच एजेंसी को दाखिल नहीं होने देने चाहता। चीन के विदेश मंत्री ने भी डब्ल्यूएचओ को फोन करके इस महामारी के विरूद्ध लड़ने में सभी देशों के सहयोग करने की बात कही है। इसके साथ ही उसने कहा है कि हम यह भी पता लगाने में लगे हुए हैं कि आखिर यह महामारी इतनी ज्यादा कैसे फैली।
इससे एक बात पूरी तरह से साफ है कि चीन अपने देश में किसी को एंट्री नहीं देना चाहता और वहीं दूसरी तरफ ट्रंप ने साफ कर दिया है कि इस महामारी की जांच को लेकर अमेरिका चीन में अपने कुछ एक्सपर्ट्स को भेजना चाहता है, ताकि वह इस बीमारी की उपज की जांच कर सके। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चेतावनी भी दी थी कि चीन को इसकी सज़ा भुगतनी होगी।
यूएस प्रेसिडेंट ट्रम्प निरंतर CORONA__VIRUS को चाइनीज़ वायरस कहते आए हैं। ट्रंप ने कहा कि हमारी जांच में जो भी सामने आएगा, हम उसी के आधार पर एक्शन लेंगे। अगर चीन इसका जिम्मेदार निकलता है, तो वह इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे।