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एमएस धोनी को इंडियन टीम का कोच बनाने पर अब तो भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर दी है। आखिरकार रोहित शर्मा से लेकर विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव तक सभी धोनी के कोच बनने को लेकर बयान दिया है।

दो डब्ल्यूटीसी की हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के आईसीसी टूर्नामेंट में हारने का सिलसिला जारी चल रहा है। वैसे यह कोई पहली बार नहीं जब आईसीसी के टूर्नामेंट को इस हद तक आकर हार गए। हम इससे पहले दो हज़ार 22 का वर्ल्ड कप और उससे पहले एक और डब्ल्यूटीसी का फाइनल हार चुके हैं और 19 के बाद तो छोड़िए हम तो बीते दस वर्षों के भीतर एक भी आईसीसी की ट्रॉफी नहीं जीत पाए। अब यह बहुत बड़ा सवाल बन जाता है। भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के साथ साथ कोचिंग स्टाफ पर भी। क्या हम बाइलेटरल या फिर केवल आईपीएल के होकर रह गए हैं?

इस बात में कोई शक नहीं कि हर दूसरी बाइलेटरल सीरीज में हमारी भारतीय क्रिकेट टीम चमकती हुई नजर आती है। फिर वो चाहे अपने घर में हो या किसी और के। बीते कई वर्षों में बाइलेटरल में तो हमारी परफॉर्मेंस आसमान को छू रही है, मगर आईसीसी में निरंतर ग्राफ उतरता चला जा रहा है। यहां तक कि पाकिस्तान की टीम भी फाइनल में पहुंचने लगी है और जीतने की दावेदारी ठोकने लगी है। मगर ये जो भारतीय क्रिकेट टीम के आईसीसी टूर्नामेंट में जीतने का कनेक्शन है ना ये धोनी से जुड़ा हुआ है। इस बात में कोई शक नहीं है।

धोनी नहीं तो आईसीसी ट्रॉफी नहीं

एमएस धोनी अपने कार्यकाल के अंदर हमें तीन आईसीसी ट्रॉफी जिताए। न जाने कितनी बार टेस्ट में जीत गए जो डब्ल्यूटीसी के बराबर है और बाइलेटरल में तो उनके जैसा डंका कोई बजा ही नहीं पाया। बस अब सवाल ये है कि क्या एमएस धोनी को फिर से टीम से जोड़ा जाए और हर जगह फिलहाल इसी पर चर्चा हो रही है। क्योंकि धोनी नहीं तो आईसीसी ट्रॉफी नहीं। अब तो केवल यही नारा लग रहा है। अब इस पर भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने भी अपनी अपनी टिप्पणी राय दे दी है।

विराट कोहली ने धोनी पर कहा, यह बड़ा दुर्भाग्य है कि पिछले कुछ वक्त में हम आईसीसी ट्रॉफी को जीतने का हरेक प्रयास कर रहे हैं, मगर उसमें सफल नहीं हो पा रहे। ऐसा नहीं कि टीम मैनेजमेंट, कोचिंग स्टाफ में कोई कमी है, मगर एमएस धोनी भाई का जो दम था जो हमें आईसीसी टूर्नामेंट में एक अलग ही चमक, एक अलग ही कॉन्फिडेंस प्रदान करता था, वो शायद कहीं ना कहीं थोड़ा बहुत मिसिंग तो है। अगर कोच नहीं तो वह किसी भी नजरिए से भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़े ऐसे युवाओं से लेकर हमें भी काफी मदद मिलेगी।

तो वहीं रोहित शर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा था, एमएस धोनी का मतलब भी आईसीसी ट्रॉफी है मगर इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें ही टीम का हेड कोच बना दिया जाए। मगर अगर वह टीम के मेंटर या टीम के साथ किसी भी तरीके से असोसिएट रहेंगे तो भारतीय क्रिकेट टीम को फिर आईसीसी ट्रॉफी जीतने से तो कोई नहीं रोक सकता।

सूर्यकुमार यादव ने कह दी बड़ी बात

सूर्यकुमार यादव ने भी हाल फिलहाल में कहा था कि मेरी नजर में एमएस धोनी दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तान, कोच, मेंटर या सब कुछ बनने का दम रखते हैं। इस बात में कोई शक नहीं कि वह एक नई टीम के साथ कैसे आईपीएल जीत जाते हैं। यह अपने आप में एक मिस्ट्री है और अगर ऐसा खिलाड़ी हमारी टीम के साथ फिर से जुड़ जाए तो वह आईसीसी न जीतें, भला कैसे हो सकता है। 

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