जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निवास के नियमों में बदलाव को मंजूरी

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निवास के नियमों में बदलाव किया गया है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू और कश्मीर (राज्य कानूनों के अनुरूपण) के दूसरे आदेश, 2020 के जरिए नियमों को बदलने से पूर्व की स्थिति को लागू करने को स्वीकृति दे दी है। यह आदेश जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 96 के तहत जारी किया गया। कैबिनेट की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।

इस आदेश में जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती) अधिनियम के तहत केंद्रशासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) में नौकरियों के सभी स्तरों पर स्थानीय निवास की शर्तों की प्रासंगिकता को संशोधित किया है। यह आदेश जम्मू-कश्मीर में सभी पदों पर रोजगार के लिए अपेक्षित स्थानीय निवास की अर्हता पर लागू होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश का मूल निवासी नहीं होने पर कोई भी व्यक्ति किसी पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि गत अप्रैल में ही जम्मू-कश्मीर में सभी नौकरियां केंद्रशासित प्रदेश के मूल निवासियों के लिए आरक्षित कर दी थीं। इसमें जम्मू-कश्मीर का मूल निवासी उन लोगों को माना जाना था, जो वहां कम से कम 15 साल से रह रहे हैं। इसमें वे भी शामिल होंगे जिन्होंने 7 साल जम्मू-कश्मीर में पढ़ाई की हो और राज्य में ही 10-12वीं की परीक्षा दी हो।

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