सावधान- सोमवती अमावस्या के दिन ऐसा किया तो नाराज हो जाएंगे पितर!

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अबकी दफा चैत्र मास की अमावस्या तिथि 8 अप्रैल 2 हज़ार 24 दिन सोमवार सवेरे 03:21 बजे पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन उसी दिन 8 अप्रैल 2024 रात्रि 11:50 बजे पर होगा। ऐसे में पंचांग के मुताबिक, सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को मनाई जा रही है।

बता दें कि सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत खास महत्व है। ये दिन पितरों की पूजा और तर्पण के लिए समर्पित होता है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर बहुत कायदे कानून बनाए गए हैं, जिनका पालन हर किसी को करना चाहिए। ऐसे में आइए इस खबर में जानते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

सोमवती अमावस्या के दिन चावल, रोटी, मीठा आहार, फल, खीर, पूरी, भजिया, तुअर दाल, मिठाई, पालक, भिंडी, जौ, मटर, दूध शहद, तिल आदि उत्तम और सात्विक खा सकते हैं। मगर इस दिन चरखा, बासी भोजन, सफेद तिल, मूली, लौकी, काला नमक, उड़द, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन,  कुलथी, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसों का साग, सरसों की पत्ती चना, काला जीरा, कचनार, खीरा आदि का सेवन करना वर्जित है। यदि ऐसा कोई करता है तो पितर नाराज हो जाते हैं।

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