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मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से पूरा देश हिल गया है। इस हमले में आतंकवादियों ने लगभग 26 पर्यटकों को मार डाला।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा की गई हरकतों के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर भड़क उठी है और भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर कुछ कड़े फैसले भी लिए हैं। हालांकि, आशंका है कि इस हमले से कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद कुछ हद तक स्थापित हो रही शांति और कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा।
पहलगाम में हुए हमले का असर कश्मीर के सभी इलाकों पर पड़ने की संभावना है। इस हमले का पर्यटन क्षेत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह घटना होटलों, कंपनियों और कारोबार शुरू करने के इच्छुक निवेशकों के लिए बड़ा झटका हो सकती है। अब, आइए संक्षेप में उन 10 नुकसानों की समीक्षा करें जो इस हमले से देश को हो सकते हैं।
कश्मीर और देश को होंगे ये 10 नुकसान
पहलगाम में हुए हमले के बाद कश्मीर घाटी में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ सकती है। इसका सीधा असर होटल, टैक्सी सेवाओं, पर्यटक गाइडों और दुकानदारों पर पड़ सकता है।
औद्योगिक क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशक सुरक्षा को लेकर सतर्क रहेंगे। इससे 1.63 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रभावित होने की संभावना है।
फिलहाल देश की अर्थव्यवस्था में जम्मू-कश्मीर की हिस्सेदारी 0.8 फीसदी है। हालाँकि, इस हमले से पर्यटन और निवेश में कमी आ सकती है। इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में कश्मीर की हिस्सेदारी कम हो सकती है।
जम्मू-कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय 2024-25 में 1.55 लाख तक पहुंचेगी। पिछले 10 वर्षों में इसमें 148 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन अब इसमें कमी आ सकती है।
जम्मू और कश्मीर में जीएसवीए का 61.7 प्रतिशत सेवा क्षेत्र से आता है। इसमें पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस क्षेत्र में विकास प्रभावित हो सकता है।
जम्मू और कश्मीर के जीएसवीए में निर्माण क्षेत्र का योगदान 18.3 प्रतिशत है। ऐसी स्थिति में यह क्षेत्र भी प्रभावित हो सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में उद्योग योजना के तहत 971 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिसके लिए 2,840 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। हो सकता है उसे भी देर हो जाए.
इसके साथ ही परिवहन, बैंकिंग, बाजार और हस्तशिल्प जैसे सहायक उद्योगों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पर्यटन उद्योग में मंदी के कारण इस क्षेत्र में ऋण चूक की संभावना बढ़ गई है। इससे स्थानीय बैंकों पर दबाव बढ़ सकता है।
इसके अलावा, इस आतंकवादी हमले से कश्मीर में कृषि और बागवानी क्षेत्र पर भी असर पड़ सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि कश्मीर में बेरोजगारी दर जो 2019-20 में 6.7 प्रतिशत थी, वह 2023-24 में घटकर 6.1 प्रतिशत हो गई है। लेकिन अब इसके फिर बढ़ने की संभावना है।