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Up Kiran, Digital Desk: त्योहार का वक्त हो और जेब में निकले नोट नकली लगें, तो सोचिए क्या बीतेगी? कुछ ऐसा ही हुआ मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर में, जहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के एक एटीएम से सोमवार शाम को निकले नोटों ने आम लोगों की चिंता बढ़ा दी। तीज की खरीदारी करने पहुंचे लोगों को जैसे ही एटीएम से 500 के नोट मिले, उनकी हालत ही बदल गई। वजह? नोटों की हालत देखकर खुद दुकानदार भी चौंक गए।

किनारों से कटा, प्रिंटिंग तिरछी और शक की स्याही

अहियापुर बाजार समिति के पास स्थित इस एटीएम से निकले कई नोटों की प्रिंटिंग टेढ़ी-मेढ़ी थी। किसी का सिरा आधा कटा था, तो किसी पर छपाई इतनी खराब थी कि असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो गया। स्थानीय दुकानदारों ने जब ऐसे नोट लेने से इनकार किया, तो ग्राहकों और व्यापारियों के बीच बहस तक शुरू हो गई। कुछ दुकानों पर माहौल इतना गरमा गया कि पुलिस तक बुलाने की नौबत आ सकती थी।

रेलवे कर्मचारी का अनुभव: '3 हजार निकाले, पर भरोसा नहीं हुआ'

रेलवे में कार्यरत रंदेश कुमार ने बताया कि उन्होंने एटीएम से 3 हजार रुपये निकाले, जो सभी 500 के नोट थे। जैसे ही उन्होंने पैसे जेब में डाले और पास की दुकान पर खरीदारी करने पहुंचे, दुकानदार ने नोट को नकली समझकर लेने से मना कर दिया। रंदेश ने बताया कि उसी समय मशीन से रिसिप्ट भी नहीं निकल रही थी, जिससे स्थिति और उलझ गई।

उन्होंने मौके पर मौजूद अन्य ग्राहकों के साथ मिलकर एटीएम परिसर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की दिशा में मोबाइल से वीडियो भी बनाया, ताकि प्रमाण के तौर पर यह साबित हो सके कि नकली दिख रहे नोट वहीं से निकले हैं।

त्योहार पर गड़बड़ी: सिस्टम की असल परीक्षा

मुजफ्फरपुर जैसे घनी आबादी वाले जिले में त्योहार के वक्त एटीएम और बैंकिंग सेवाओं पर दबाव रहना आम बात है। लेकिन ऐसे समय में नोटों की गुणवत्ता और एटीएम की स्थिति पर खास निगरानी की जरूरत होती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बैंक को त्योहारों से पहले मशीनों की जांच करनी चाहिए थी। "अगर दुकानदार नोट लेने से मना कर दें और ग्राहक के पास कोई विकल्प न हो, तो उसका पूरा दिन बर्बाद हो सकता है," एक ग्राहक ने नाराज़गी जताते हुए कहा।

बैंक का जवाब: ‘नोट बदले जाएंगे, जांच जारी है’

स्टेट बैंक की ओर से प्रारंभिक प्रतिक्रिया में कहा गया है कि प्रभावित ग्राहकों के नोट बदले जाएंगे और जो गड़बड़ी हुई है, उसकी जांच कराई जा रही है। बैंक अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि यह कोई धोखाधड़ी नहीं बल्कि संभवतः तकनीकी खराबी है, जिसे जल्द ही दुरुस्त कर दिया जाएगा।

हालांकि, सवाल यही है कि एटीएम में ऐसे नोट पहुंचे कैसे? क्या यह कैश लोडिंग एजेंसी की गलती है या फिर बैंक के कड़े निरीक्षण में कोई चूक हुई?

क्या ये सिर्फ ‘तकनीकी खराबी’ है?

यह पहली बार नहीं है जब देश में किसी एटीएम से नकली या अधूरे नोट निकलने की खबर आई हो। लेकिन जब यह एक राष्ट्रीयकृत बैंक के एटीएम से होता है, वह भी त्योहार के समय, तो मामला सिर्फ तकनीकी नहीं रह जाता।

बैंकिंग विशेषज्ञों के मुताबिक, नोटों की छंटाई और गुणवत्ता जांचने की जिम्मेदारी बैंक के कैश डिपार्टमेंट और एजेंसियों की होती है। यदि वहां से कटे-फटे या गलत छपे नोट सिस्टम में आ गए, तो यह बैंकिंग मानकों की सीधी अनदेखी है।

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