Up Kiran, Digital Desk: जैसे-जैसे 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, राज्य की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है। इसी बीच जन सुराज आंदोलन के अगुवा प्रशांत किशोर ने मंगलवार को प्रेस से मुखातिब होते हुए एक बड़ा दावा किया। उनका कहना है कि इस बार मुकाबला पारंपरिक दलों से नहीं, बल्कि जन सुराज बनाम सत्ता का है।
Up Kiran, Digital Desk: प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने सीधे तौर पर बीजेपी और जेडीयू पर आरोप लगाए कि वे जन सुराज के उम्मीदवारों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारे तीन प्रत्याशियों को दबाव बनाकर नामांकन से हटने पर मजबूर किया गया। ये खेल साफ दिखाता है कि सत्ता पक्ष हमारे उदय से डर गया है।"
कौन-कौन से उम्मीदवार हटे मैदान से?
किशोर ने नाम लेकर बताया कि दानापुर से मुटूर शाह, ब्रह्मपुर से सत्य प्रकाश तिवारी, और गोपालगंज से शशि शेखर सिंह को जानबूझकर नामांकन वापस लेने पर मजबूर किया गया। उनका कहना है कि अब यह मामला चुनाव आयोग तक जाएगा।
प्रशांत किशोर ने साफ कहा, "हम डरने वाले नहीं हैं। जो लोग अब तक बाहुबल और धनबल के सहारे राजनीति करते थे, वे अब जनता की आवाज से घबरा रहे हैं। जन सुराज एक विकल्प नहीं, बल्कि एक बदलाव की शुरुआत है।"
सिर्फ सत्ता नहीं, सिस्टम बदलने की तैयारी
किशोर का दावा है कि जन सुराज का मकसद केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि राजनीतिक व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाना है। उन्होंने कहा, "हमने पहले ही साफ किया था कि पार्टी में कोई बाहरी नेता टिकट नहीं पाएगा। आज हमारे 200 से ज्यादा उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से 90% सीधे जनता से जुड़े हुए लोग हैं।"




