नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के कोर कमांडरों की 12 घंटे हुई वार्ता में चीन गलवान जैसी झड़प नहीं दोहराने पर सहमत हुआ है। बैठक में बनी सहमतियों पर दोनों देश 72 घंटों तक एक-दूसरे पर नजर रखेंगे।
इन सैन्य वार्ताओं के बावजूद सीमा पर तनाव जस का तस बना हुआ है, बल्कि इस बीच चीन ने अपनी फौज की तैनाती में बढ़ोतरी भी की है।हालांकि 30 जून को हुई 12 घंटे की कोर कमांडरों की बातचीत के बारे में भारत के विदेश मंत्रालय या सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है लेकिन चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ का दावा है कि दोनों देश चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं।
भारत और चीन के बीच लगातार तीन दौर की कोर कमांडर वार्ताएं हो चुकी हैं। इसी के साथ एलएसी के करीब चीनी सेना ने 20 हजार से अधिक सैनिकों की तैनाती की है। इसी से चीन की मंशा के बारे मेंं साफ पता चलता है कि उसकी नीयत बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की नहीं बल्कि वार्ताओंं के बहाने भारत को उलझाए रखकर सीमा के पांचों विवादित क्षेत्रों में अपनी सैन्य और रणनीतिक स्थिति मजबूत करने की हैै।
दूसरी तरफ चीनी अखबार ने कहा है कि चीन-भारत कमांडर स्तर की बैठक एक समझौते पर पहुंच गई है। दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीकों से सीमावर्ती क्षेत्रों से सैनिकों को हटाएंगे लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी प्रक्रिया कब और कैसे होगी। सीमा तनाव को कम करने के लिए मजबूत उपाय अपनाए जाएंगे।