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Up Kiran, Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में खेला गया एशिया कप फाइनल सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि करोड़ों क्रिकेट फैंस के लिए गर्व और भावनाओं से जुड़ा एक बड़ा मौका बन गया। भारत ने इस मुकाबले में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया और नौवीं बार एशिया कप का ताज पहन लिया। लेकिन इस मैच से भी बड़ी चर्चा अब इस बात की हो रही है कि दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड्स के बीच कितना बड़ा फाइनेंशियल गैप है।
BCCI नहीं, ये है क्रिकेट की असली सुपरपावर!
आज जब दुनिया भर में 100 से ज्यादा देश क्रिकेट खेलते हैं, तब भारत का क्रिकेट बोर्ड BCCI अकेले ही ग्लोबल क्रिकेट कमाई का 85% हिस्सा कमा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो BCCI की अनुमानित वैल्यू करीब 2.25 बिलियन डॉलर यानी लगभग 18,760 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।
BCCI के पास IPL जैसा तगड़ा ब्रांड है, जिसने न सिर्फ भारतीय क्रिकेट को बदला, बल्कि इसे एक बिजनेस मॉडल बना दिया है। IPL के मीडिया राइट्स, स्पॉन्सरशिप डील्स और टिकट सेल्स से बोर्ड को हर साल हजारों करोड़ की कमाई होती है।
साल 2019 में जहां BCCI की आमदनी 3906 करोड़ रुपये थी, वहीं 2024 तक यह दोगुनी होकर करीब 7988 करोड़ रुपये हो गई है। ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि क्रिकेट भारत में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक इंडस्ट्री है।
PCB की हालत क्यों है कमजोर?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) दुनिया का चौथा सबसे अमीर बोर्ड जरूर है, लेकिन जब बात होती है तुलना की, तो यह BCCI के सामने कहीं नहीं टिकता। PCB की कुल वैल्यू महज 55 मिलियन डॉलर यानी लगभग 458 करोड़ रुपये के करीब मानी जाती है।
पाकिस्तान की लीग PSL भले ही देश में लोकप्रिय हो, लेकिन इसकी कमाई IPL के मुकाबले बेहद मामूली है। प्रसारण अधिकार और स्पॉन्सरशिप से जो रेवेन्यू आता है, वह PCB के लिए अहम होता है, लेकिन इससे वह BCCI जैसी वित्तीय ताकत नहीं बना पाया।
BCCI बनाम PCB: आंकड़े जो सोचने पर मजबूर कर दें
अगर सिर्फ कमाई की तुलना की जाए तो दोनों बोर्ड्स के बीच का फासला किसी खाई से कम नहीं है। BCCI जहां 18 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की वैल्यू पर बैठा है, वहीं PCB 500 करोड़ रुपये तक भी नहीं पहुंच पाया है।
यह फर्क खिलाड़ियों की सैलरी में भी नजर आता है। उदाहरण के लिए, PSL में बाबर आज़म जैसे सुपरस्टार को 2.2 लाख डॉलर (करीब 1.95 करोड़ रुपये) में खरीदा गया था। वहीं, IPL में एक अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी प्रियांश आर्य को 3.8 करोड़ रुपये में खरीदा गया। यानी एक नई प्रतिभा को भी पाकिस्तान के टॉप खिलाड़ी से ज्यादा कीमत मिली।