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Up Kiran, Digital Desk: गोवा में नौकरी की तलाश में गए तीन मासूम युवकों की जिंदगी एक पल में खत्म हो गई। अरपोरा के उस नाइटक्लब में शनिवार रात जो आग लगी उसने तीन परिवारों को हमेशा के लिए उजाड़ दिया। सोमवार दोपहर जब तीनों का पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट पहुंचा तो वहां का नजारा देख हर किसी की आंखें भर आईं।

मां-बाप, बहन-भाई, रिश्तेदार... सब बिलख-बिलख कर रो रहे थे। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि कल तक फोन पर हंसने-बोलने वाला उनका लाल अब सिर्फ एक तस्वीर बनकर रह गया। एयरपोर्ट पर स्थानीय विधायक, सरपंच और कई सामाजिक संगठनों के लोग भी पहुंचे। सबने शोक संतप्त परिवारों को ढांढस बांधने की कोशिश की लेकिन दर्द इतना गहरा था कि कोई भी शब्द कम पड़ रहे थे।

एयरपोर्ट से तीनों शवों को एंबुलेंस में रखकर सीधे उनके गांव फतेहपुर और गोविंदपुर ले जाया गया। रास्ते में जहां-जहां से गाड़ियां गुजरीं लोग सड़क किनारे खड़े होकर आंसू बहाते रहे। गांव पहुंचते ही जैसे ही एंबुलेंस रुकी पूरा मोहल्ला चीख-पुकार से भर गया। औरतें सीने पीट रही थीं। बच्चे भी समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर हुआ क्या है।

परिजनों ने बताया कि प्रदीप महतो (24), विनोद महतो (22) और मोहित मुंडा बेहतर जिंदगी की आस में गोवा गए थे। वहां नाइटक्लब में छोटा-मोटा काम करते थे। शनिवार रात जब आग लगी तब तक किसी को कुछ पता भी नहीं चला। जिन बच्चों से उस रात बात हो गई थी उनके घरवालों को थोड़ी राहत थी। लेकिन जिनके फोन नहीं लग रहे थे उनकी मांएं रात भर जागकर रोती रहीं। सुबह जब खबर आई तो जैसे आसमान ही टूट पड़ा।

सोमवार शाम तीनों का अंतिम संस्कार उनके गांव में ही किया जाएगा। प्रशासन की तरफ से हर तरह की मदद दी जा रही है। पूरा फतेहपुर और गोविंदपुर शोक में डूबा हुआ है। लोग बस एक ही कह रहे हैं – “हमारे बच्चों को रोजी-रोटी के लिए घर से दूर नहीं जाना चाहिए था।”

ये हादसा एक बार फिर याद दिला गया कि बाहर कमाने गए हमारे भाई-बेटों की जिंदगी कितनी अनिश्चित हो गई है। गोवा नाइटक्लब आग कांड ने न सिर्फ तीन घर उजाड़े बल्कि पूरे झारखंड को रुला दिया।