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budget session protest: विपक्षी इंडिया अलायंस के नेताओं ने आज संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने केंद्रीय बजट 2024 की तीखी आलोचना करते हुए इसे 'भेदभावपूर्ण' बताया और सभी राज्यों के लिए समान व्यवहार की मांग की। विपक्ष ने सरकार पर बिहार और आंध्र प्रदेश को तरजीह देने का इल्जाम लगाया, जबकि अन्य राज्यों की उपेक्षा की गई। ये दोनों राज्य भाजपा के प्रमुख सहयोगी हैं, जिनका समर्थन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते कल को बिहार के लिए कई परियोजनाओं और पैकेजों की घोषणा की, जिनकी कुल राशि लगभग 59 हजार रुपए करोड़ है। आंध्र प्रदेश के लिए उन्होंने राज्य की राजधानी अमरावती के निर्माण और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि, पोलावरम बांध परियोजना और दो औद्योगिक नोड्स को पूरा करने के लिए ₹ 15,000 करोड़ की घोषणा की ।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "कई लोगों को केंद्रीय बजट में न्याय नहीं मिला। हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं।"

कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने भी इस शोर में शामिल होते हुए बजट की निंदा की और इसे "भेदभावपूर्ण" बताया तथा सरकार पर तमिलनाडु, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया, जिन्हें हाल की आपदाओं के बावजूद कोई बाढ़ राहत आवंटित नहीं की गई।

टैगोर ने कहा, "यह गैर-भाजपा शासित राज्यों के प्रति भेदभावपूर्ण बजट है। यह 'कुर्सी बचाओ बजट' है। यह सिर्फ अपनी सरकार बचाने के लिए है। इसमें कुछ भी नहीं है। नरेगा फंड, शिक्षा फंड, शिक्षा ऋण में कटौती की गई है। मध्यम वर्ग को नुकसान उठाना पड़ेगा। इस सरकार ने सभी को धोखा दिया है।"
 

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