business news: भारत का पड़ोसी देश चीन इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में विश्व में अग्रणी है। इसी ताकत से वह हमें पंगा लेने की कोशिश करता है. मगर, अब भारत ने चीन को पटखनी दे दी है. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का केंद्र बनता जा रहा है। देश में बने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद घरेलू मांग को पूरा कर रहे हैं। मगर इनका बड़ी मात्रा में निर्यात भी किया जा रहा है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात साल-दर-साल 28 प्रतिशत बढ़कर 22.5 अरब डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 24 की समान अवधि में ये 17.66 बिलियन डॉलर था। इस वृद्धि ने इलेक्ट्रॉनिक्स को भारत के शीर्ष 10 निर्यात क्षेत्रों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र बना दिया है। इंजीनियरिंग उत्पादों और पेट्रोलियम के बाद निर्यात के मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स अब तीसरे स्थान पर है। इससे पहले यह छठे स्थान पर था. इसमें भी एक प्रोडक्ट को पूरी दुनिया में तरजीह मिल रही है।
इस क्षेत्र में अब भारत का दबदबा होगा
स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा चलाई गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना हिट रही है। अब देश में बड़े पैमाने पर स्मार्टफोन का निर्माण हो रहा है। Apple जैसी कंपनियां अपने कई फोन भारत में बना रही हैं। चालू वित्त वर्ष में स्मार्टफोन निर्यात वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 45% वृद्धि के साथ 13.11 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 9.07 अरब डॉलर था. अब कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 58% है। वित्त वर्ष 2025 के अंत तक यह हिस्सेदारी 60-65% तक पहुंचने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में बड़ी छलांग
भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में बड़ी छलांग लगाई है। यह अब पेट्रोलियम निर्यात के आधे तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक बड़ी उपलब्धि है। अमेरिकी बाजार में स्मार्टफोन का निर्यात अब हीरों के निर्यात से आगे निकल गया है। सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और निर्यात-आधारित विकास मॉडल को मजबूत करने के लिए टैरिफ संरचना की समीक्षा कर रही है।
एप्पल का बड़ा प्रभाव
भारत में एप्पल के प्रवेश और फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे निर्माताओं ने स्मार्टफोन निर्यात को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस साल कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में Apple की हिस्सेदारी लगभग 40% रही। स्मार्टफोन के अलावा देश ने बड़ी संख्या में सोलर मॉड्यूल, डेस्कटॉप और राउटर का भी निर्यात किया है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) का कहना है कि भारत को चीन और वियतनाम जैसे देशों के खिलाफ प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए टैरिफ और लॉजिस्टिक्स में सुधार करने की जरूरत है।
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