बैरागी कैंप स्थित वैष्णव अखाड़ों के मंदिर हटाने का मामला पकड़ रहा तूल, जानें पूरा मामला

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हरिद्वार, 14 सितम्बर, यूपी किरण। बैरागी कैंप स्थित वैष्णव अखाड़ों के मंदिर हटाने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। श्री नृसिंह धाम में आयोजित बैठक में  वैष्णव संतों ने कहा है कि वे बैरागी कैंप में स्थापित तीनों बैरागी अणियों की चरण पादुकाएं हटाने के लिए तैयार हैं। लेकिन इससे पहले पूरे बैरागी कैंप को अतिक्रमण मुक्त कर 1986 के पूर्व वाली स्थिति में लाया जाए।
                     
श्री नृसिंह धाम आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी नारायणदास महाराज के स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान वैष्णव संतों की बैठक में आश्रम के परमाध्यक्ष जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप में स्थापित तीनों वैष्णव अणियों के आराध्य देवों के मंदिर को अतिक्रमण बताया जा रहा है।
लेकिन बैरागी कैंप में बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण पर प्रशासन चुप्पी साधे है। प्रशासन सबसे पहले वहां हुए सभी प्रकार के अवैध निर्माण को हटाए। उसके बाद वैष्णव अखाड़े अपने मंदिर स्वयं हटा लेंगे।
अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने कहा कि केवल वैष्णव संतों के मंदिरों पर सवाल उठाने के बजाए प्रशासन को पूरे बैरागी कैंप को पूर्णतया अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए। यदि बैरागी कैंप क्षेत्र से समस्त अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो तीनो बैरागी अणियां व उनमें सम्मिलित 18 उप अखाड़े भी बैरागी कैंप में अपना स्थायी निर्माण करेंगे।
उन्होंने कहा कि बैरागी संतों की समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र वैष्णव परिषद का गठन किया जाएगा। परिषद हरिद्वार व दूसरे तीर्थों पर बैरागी संतों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करेगी। स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि हरिद्वार का पूरा संत समाज वैष्णव संतों के साथ है। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप में जिस प्रकार दूसरे लोगों के कब्जे बरकरार हैं। उसी प्रकार वैष्णव अखाड़ों को भी जगह दी जाए।
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