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राजधानी रायपुर में दो लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना हुई, जिसने छत्तीसगढ़ को हिलाकर रख दिया है। वहीं अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। एक पिता ने अपने पिता होने के पहले अपने नौकरी के फर्ज को आगे रखा। अपने बेटे के हाथ में ना सिर्फ हथकड़ी पहनाई बल्कि बेटे को सलाखों के पीछे डाल दिया।

अटारी कांड जैसा मामला

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सटे मंदिरहसौद से सामने आई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने रायपुर के अटारी कांड की याद दिला दी, जो वर्ष 2013 में नवविवाहिता महिला के साथ जा रहे एक युवक को गांव के बाहर चार लोगों ने रोक लिया था। वहां इन आरोपियों ने उसके पति को बांधकर उन्हीं के सामने ही उनकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। अब एक बार फिर मंदिरहसौद थाना क्षेत्र में घटी इस घटना से लोगों के जहन में वह घटना गूंजने लगी है।

रक्षाबंधन के दिन राखी त्योहार मनाकर एक लड़का अपनी मंगेतर और उसकी बहन के साथ घर लौट रहा था। इस दौरान मंदिरहसौद के आगे रिम्स अस्पताल के पास 10 लोगों के गुट ने उसका रास्ता रोक लिया। पहले तो उन्होंने लूट पाट की फिर पीड़ित युवतियों के साथ चाकू की नोक पर आरोपियों ने लगभग दो घंटे तक हैवानियत की। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से भाग गए। जैसे तैसे पीड़ित मेन रोड में आए और पेट्रोलिंग गाड़ी में मौजूद टीम को पूरी जानकारी दी।

जानकारी के मुताबिक दो महीने बाद इनकी शादी होने वाली है। पीड़ित महिला मंगेतर के साथ लिवइन में रहती है। दोनों के परिवार वालों को इससे कोई आपत्ति नहीं। घटना के बाद से ही वह सदमे में हैं। वहीं इस रेप कांड की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने वारदात को अंजाम देने वाले सभी 10 आरोपियों को रात में ही गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस के अनुसार पूनम ठाकुर, घनश्याम निषाद, लव तिवारी, नयन साहू, केवल वर्मा उर्फ सोनू, देवचरण धीवर, लक्ष्मी ध्रुव और पहलाद ध्रुव को हिरासत में लेकर इनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें से पाँच आरोपी पीपर हटा गांव के हैं जबकि बाकी आरोपी बोरा उमरिया और टेकारी गांव के हैं।

भाजपा नेता का बेटा है मुख्य आरोपी

सामूहिक रेप के एक मुख्य आरोपी मंदिरहसौद के भाजपा मंडल उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण सिंह का बेटा है जिसके खिलाफ हत्या और बलात्कार के मामले पहले से दर्ज हैं। वही जब पुलिस कर्मी दीपक साहू को अपने बेटे की करतूत का पता चला तो उन्होंने अपने बेटे को गिरफ्तार किया और रायपुर एसएसपी को खुद के ट्रांसफर किए जाने का आवेदन दिया। जिससे जांच प्रभावित ना हो। 

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