किसी भी ग्रहण को हिन्दू धर्म शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र इस एक अशुभ घटना के तौर पर देखा जाता है। ‘ग्रहण योग’ को अशुभ योग माना जाता है। ये योग तब बनता है जब राहु और केतु चंद्रमा या सूर्य के साथ युति बनाते हैं। कहते हैं व्यक्ति की कुंडली में ‘ग्रहण योग’ बनता है वह जीवन भर परेशानियों से घिरा रहता है। व्यक्ति के जीवन में हमेशा तनाव और भ्रम की स्थिति बनी रहती है। उसे नौकरी , बिजनेस और करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
19 नवंबर को लगेगा ‘चंद्र ग्रहण’
वर्ष 2021 में लगने वाला आखिरी चंद्र ग्रहण विशेष माना जा रहा है। साल का आखिरी चंद्र 19 नबंवर 2021 को लगेगा। पंचांग के अनुसार इस दिन चंद्रमा, वृषभ राशि में विराजमान होगा।
चंद्रमा है मन का कारक
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। विज्ञान के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक है और चंद्रमा,पृथ्वी का एक उपग्रह है। चंद्रमा जब अशुभ स्थिति में होता है या फिर इस पर ग्रहण की स्थिति बनती है तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, भ्रम, स्मरण शक्ति कमजोर होना आदि दिक्कतें आती हैं। इसके साथ ही मां की सेहत को भी नुकसान पहुंचता है।
उपछाया ग्रहण
ग्रहण के समय सूतक का विशेष ध्यान रखा जाता है। हालांकि नवंबर 2021 में लगने वाला चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण है जिसके चलते सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। सूतक नियमों का पालन पूर्ण ग्रहण में करना अनिवार्य होता है। साल के आखिरी चंद्र ग्रहण को पेनुमब्रल भी कहा जा रहा है।
चंद्र ग्रहण का समय
पंचांग के अनुसार 19 नबंवर को लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा और शाम 05 बजकर 33 मिनट पर ग्रहण समाप्त होगा। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान यात्रा आदि करने से बचना चाहिए, विवाद और कलह से परहेज चाहिए, गर्भवती महिला और बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण के समय भगवान का ध्यान करना चाहिए।