बीजिंग॥ चीन ने हिंदुस्तान से पंगा लेकर बहुत ही गलत कर दिया, उसको इस बात अंदाजा अब होने लगा है। दरअसल, इस विवाद के बीच चाइना को एक जगह करारी हार झेलने के मिली है। हिंदुस्तान से लद्दाख बॉर्डर पर जारी विवाद के बीच चीन को एक दूसरे मोर्चे पर करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
खबर के मुताबिक, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में यूरोपीय संघ के साथ जारी विवाद में हार मिली है। इससे चीन का तथाकथित बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का दर्जा समाप्त हो गया है। सीसीपी बीते 4 वर्ष से यूरोपीयन यूनियन पर चीन को बाजार आधारित अर्थव्यवस्था स्वीकार करने का दबाव बना रही थी।
आपको बता दें कि चाइना ये मामला बीते वर्ष ही प्रोविजनल डिसीजन में हार चुका था। मामले से जुड़े एक अफसर ने कहा कि चीन ने इसमें बहुत कुछ खो दिया है। उन्हें मुख्य मामले में ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा है। अन्य छोटे मामलों में मिली जीत इस हार के सामने बेकार हो गई हैं।
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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हालिया रिसर्च में पता चला है कि सीसीपी संयुक्त राष्ट्र (UN), वर्ल्ड बैंक (World Bank), आईएमएफ (IMF) सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में घुस चुका है। ऐसे में WTO का ये फैसला बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं, पूरी दुनिया का ये भी मानना है कि चीन अपनी लापरवाही के कारण कोविड-19 संकट को रोकने में असफल रहा।
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